चुनावी हिंसा के बीच पाकिस्तान में मतदान संपन्न, जल्द होगा नतीजों का ऐलान

pakistan voting complete
[email protected] । Jul 25 2018 8:24PM

पाकिस्तान में नई सरकार चुनने के लिए हो रहे आम चुनाव में मतदान आज शाम संपन्न हो गया। हालांकि, आज आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) की ओर से अंजाम दिए गए एक फिदायीं हमले और चुनाव से जुड़ी हिंसा में कम से कम 35 लोग मारे गए।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में नई सरकार चुनने के लिए हो रहे आम चुनाव में मतदान आज शाम संपन्न हो गया। हालांकि, आज आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) की ओर से अंजाम दिए गए एक फिदायीं हमले और चुनाव से जुड़ी हिंसा में कम से कम 35 लोग मारे गए। स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे 85,000 से ज्यादा मतदान केंद्रों पर मतदान शुरू हुआ। शाम छह बजे मतदान संपन्न हुआ। नतीजों का ऐलान 24 घंटे के भीतर हो जाएगा। 

पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल- एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सहित कई प्रमुख पार्टियों ने मतदान की अवधि एक घंटा बढ़ाने की मांग की थी , लेकिन इसके बावजूद मतदान अपने निर्धारित समय पर खत्म हुआ। राजनीतिक पार्टियों ने मतदान की धीमी प्रक्रिया की शिकायत की थी और मतदाताओं को और वक्त मुहैया कराने की मांग की थी। लेकिन चुनाव आयोग ने उनके अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया। 

आम चुनावों के लिए मतदान शुरू होने के कुछ घंटे बाद इस्लामिक स्टेट के एक फिदायीं हमलावर ने बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा के भोसा मंडी इलाके के एक मतदान केंद्र के बाहर विस्फोट में खुद को उड़ा लिया। इस हमले में कई पुलिसकर्मियों सहित 31 लोग मारे गए। पुलिस ने बताया कि चुनाव से जुड़ी हिंसा की अलग - अलग घटनाओं में चार लोग मारे गए। कई मतदान केंद्रों के बाहर प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के बीच झड़पें हुईं। 

पाकिस्तानी संसद के निचले सदन और चार प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों के लिए वोट करने के लिए करीब 10.6 करोड़ लोग वोटर के तौर पर पंजीकृत हैं। पाकिस्तान के 70 साल के इतिहास में यह चुनाव सत्ता का दूसरा लोकतांत्रिक परिवर्तन है। आधिकारिक तौर पर मतदान केंद्र सुबह आठ बजे खुले, लेकिन उत्साही नागरिक सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों के बाहर कतारों में खड़े नजर आए। 

पाकिस्तानी थलसेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने रावलपिंडी में मतदान किया। पीएमएल-एन की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार शाहबाज शरीफ लाहौर में वोट डालने वाले शुरुआती वोटरों में शामिल थे। शाहबाज ने ट्वीट किया, ‘अभी-अभी वोट डाला। यह वक्त है कि आप पाकिस्तान की प्रगति एवं समृद्धि के लिए वोट डालने की खातिर बाहर आएं। यह चुनाव देश में शांति एवं स्थिरता का स्रोत साबित हो।’ 

पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी, सिंध प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री मुराद अली शाह, एमक्यूएम-पी के नेता फारूक सत्तार, पाक सरजमीं पार्टी के अध्यक्ष मुस्तफा कमाल, पीटीआई के प्रमुख इमरान खान, पीपीपी के सह-अध्यक्ष बिलावल भुट्टो और जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने भी अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों में वोट डाले। दोनों भुट्टो बहनों-आसिफा भुट्टो जरदारी और बख्तावर भुट्टो जरदारी ने भी अपने वोट डाले। बख्तावर ने वोट डालने के बाद अपनी बहन के साथ की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली। 

चुनाव आयोग के मुताबिक, नेशनल असेंबली की 272 जनरल सीटों के लिए 3,459 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। जबकि चार प्रांतीय विधानसभाओं- पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और खैबर- पख्तूनख्वा- की 577 जनरल सीटों के लिए 8,396 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन चुनावों में 30 से ज्यादा राजनीतिक पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। 

क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की अगुवाई वाली पीटीआई सत्ताधारी पीएमएल- एन को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पीएमएल-एन की औपचारिक रूप से अगुवाई कर रहे हैं। बिलावल भुट्टो जरदारी की अगुवाई वाली पीपीपी भी रेस में है। आम चुनावों की पूर्व संध्या पर ‘गैलप पाकिस्तान’ की ओर से किए गए चुनावी सर्वेक्षण के मुताबिक, पीटीआई और पीएमएल-एन के बीच कड़ी टक्कर है, जिसमें पीटीआई राष्ट्रीय स्तर पर और पीएमएल-एन राजनीतिक रूप से अहम माने जाने वाले पंजाब में आगे है। 

सुचारू मतदान प्रक्रिया के लिए पाकिस्तान चुनाव आयोग ने देश भर में करीब 16 लाख चुनाव कर्मियों को मतदान केंद्रों पर तैनात किया है। सुरक्षा के लिए करीब 4,49,465 पुलिसकर्मियों और 3,70,000 से ज्यादा सैन्यकर्मियों की तैनाती की गई है। मतदान के मद्देनजर आज पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था। 

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं जिनमें से 272 को आज सीधे तौर पर चुना जाएगा जबकि शेष 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। आम चुनावों में पांच फीसदी से ज्यादा वोट पाने वाली पार्टियां इन आरक्षित सीटों पर समानुपातिक प्रतिनिधित्व के हिसाब से अपने प्रतिनिधि भेज सकती हैं। कुल 172 सीटें पाने वाली पार्टी सरकार बना सकती है। 

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