पाक फिर हुआ नाकाम, UN में 2 भारतीयों को आतंकवादी घोषित करने की मांग हुई खारिज
पाकिस्तान ने संरा सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति को आतंकवादी घोषित करने के लिए अंगारा अप्पाजी और गोबिंद पटनायक के नाम भेजे थे। बहरहाल, परिषद में अप्पाजी और पटनायक को आतंकवादी घोषित करने का पाकिस्तान के प्रयास को अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और बेल्जियम ने बुधवार को विफल कर दिया।
संयुक्त राष्ट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों का आभार जताया है जिन्होंने दो भारतीय नागरिकों को विश्व निकाय की प्रतिबंध समिति द्वारा आतंकवादी घोषित कराने के पाकिस्तान के प्रयास को विफल कर दिया और आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रिया का राजनीतिकरण करने के इस्लामाबाद का स्पष्ट प्रयास भी नाकाम कर दिया। पाकिस्तान ने संरा सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति को आतंकवादी घोषित करने के लिए अंगारा अप्पाजी और गोबिंद पटनायक के नाम भेजे थे। बहरहाल, परिषद में अप्पाजी और पटनायक को आतंकवादी घोषित करने का पाकिस्तान के प्रयास को अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और बेल्जियम ने बुधवार को विफल कर दिया।
Pakistan’s blatant attempt to politicize 1267 special procedure on terrorism by giving it a religious colour, has been thwarted by UN Security Council. We thank all those Council members who have blocked Pakistan’s designs. @MEAIndia @DrSJaishankar @PMOIndia @harshvshringla
— PR UN Tirumurti (@ambtstirumurti) September 2, 2020
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सूत्रों के मुताबिक इन दो व्यक्तियों का नाम आंकवादियों की सूची में जोड़ने की अपनी मांग के समर्थन में पाकिस्तान ने कोई सबूत नहीं भेजा था। इससे पहले जून/जुलाई में अजय मिस्त्री और वेणुमाधव डोंगरा के नाम सूची में शामिल करने के पाकिस्तान के प्रयास भी परिषद में नाकाम रहे थे। भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘आतंकवाद संबंधी 1267 विशेष प्रक्रिया का राजनीतिकरण करने का पाकिस्तान का स्पष्ट प्रयास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने विफल कर दिया। पाकिस्तान के इरादों को परिषद के जिन भी सदस्यों ने नाकाम किया, हम उनका आभार व्यक्त करते हैं।’’ पिछले महीने भारत ने पाकिस्तान के उस झूठ का पर्दाफाश किया था जिसमें उसने कहा था कि प्रतिबंधित व्यक्तियों की सूची के तहत उसने चार भारतीयों के नाम सौंपे हैं। इसके जवाब में भारत ने कहा था कि प्रतिबंधित लोगों की सूची ‘‘सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और दुनिया देख सकती है कि इनमें से किसी के भी नाम उसमें शामिल नहीं है।
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