फिलस्तीन ने कहा, अमेरिका की शांति योजना में कोई दम नहीं
संयुक्त राष्ट्र में फिलस्तीन के राजदूत रियाद मंसौर का कहना है कि ट्रंप प्रशासन की इजराइल- फिलस्तीन शांति योजना में कोई दम नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र में फिलस्तीन के राजदूत रियाद मंसौर का कहना है कि ट्रंप प्रशासन की इजराइल- फिलस्तीन शांति योजना में कोई दम नहीं है। मंसौर ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा छह दिसंबर को यरुशलम को इजराइल की राजधानी मान लिये जाने के बाद अमेरिका ने ‘‘राजनीतिक प्रक्रिया की निगरानी करने वाले एकमात्र पक्ष होने का अपना अधिकार खो दिया। जहां तक अमेरिकी शांति योजना की बात है, मंसौर का कहना है कि फिलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास और अन्य फिलस्तीनी नेताओं ने स्पष्ट संकेत दिया है कि हम ऐसी किसी योजना को स्वीकार नहीं करेंगे जिसमें बातचीत से पहले ही निर्णय हो चुका है।
मंसौर ने कहा कि दशकों पुराने इजराइल - फिलस्तीन संघर्ष को समाप्त करने के लिए फिलस्तीन समेकित प्रयास चाहता है। वहीं ‘एएफपी’ की खबर के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने पश्चिम एशियाई देशों पर आरोप लगाया है कि वह फिलस्तीनी जनता की मदद के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर रहे हैं। हेली ने इजराइल- फिलस्तीन शांति प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में रखते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि क्षेत्रीय देश आगे बढ़ें और हजारों मील दूर से भाषण देने की जगह उनकी मदद करें। हेली ने सवाल किया, फिलस्तीनी संघर्ष पर जब मेल- मिलाप की जरूरत है तो ऐसे वक्त में अरब देश कहां हैं? वे शांति के लिए आवश्यक इस प्रक्रिया में साथ क्यों नहीं दे रहे हैं? हमास के आतंकवाद की निंदा करने के समय अरब देश कहां हैं? शांति के लिए जरूरी समझौते करने के समय अरब देश कहां चले जाते हैं।
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