अफगानिस्तान में स्थायी शांति केवल राजनीतिक समाधान के जरिए ही संभव: व्हाइट हाउस

White House

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन का मानना है कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति केवल राजनीतिक समाधान के जरिए ही संभव है। व्हाइट हाउस ने अफगानिस्तान की सरकार और तालिबान के बीच चल रही शांति वार्ता की पृष्ठभूमि पर यह बात कही।

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन का मानना है कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति केवल राजनीतिक समाधान के जरिए ही संभव है। व्हाइट हाउस ने अफगानिस्तान की सरकार और तालिबान के बीच चल रही शांति वार्ता की पृष्ठभूमि पर यह बात कही। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने संवाददाताओं से शुक्रवार को कहा, ‘‘मैं कहना चाहूंगी कि अफगान नेताओं, अफगानिस्तान सरकार के सदस्यों और तालिबान के बीच राजनीतिक बातचीत और अन्य बातचीत चल रही है, जिसका हम यकीनन समर्थन करते हैं।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति केवल राजनीतिक समाधान के जरिए ही संभव है, लेकिन हम मानवीय सहायता, सुरक्षा सहायता और प्रशिक्षण के जरिए सरकार को समर्थन देना जारी रखेंगे। हम उन्हें अपने लोगों की रक्षा और सुरक्षा में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना भी जारी रखेंगे।’’ एमएसएनबीसी को दिए एक साक्षात्कार में विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका इस बात के लिए दृढ़ है कि अफगानिस्तान अमेरिका और उसके सहयोगियों के खिलाफ आतंकवादियों के लिए प्रशिक्षण का मैदान नहीं बनने पाए। उन्होंने कहा,‘‘ यही कारण है कि हम वहां गए थे और यही बात याद रखने की जरूरत है। हम पर 9/11 को हमला किया गया, हम हमपर हमला करने वालों को तलाशने और उन्हें न्याय के दायरे में लाने के लिए अफगानिस्तान गए।

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ओसामा बिन लादेन के खिलाफ दस वर्ष पहले कार्रवाई की गई और उन हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादी संगठन अलकायदा को नेस्तनाबूद किया गया।’’ ब्लिंकन ने कहा,‘‘ हम यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि हम उस पर अपनी नजर रख सकें। अगर हम दोबारा खतरा पैदा होते देखते हैं,तो हम उसके खिलाफ कार्रवाई करने की स्थिति में होंगे। हम इसी लिए वहां थे और हमने वहां इस अभियान में 20 वर्ष, खरबों डॉलर लगा दिए और हजारों अमेरिकियों ने अपनी जानें गवाईं.....।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका को तालिबान की गतिविधियों को ले कर चिंता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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