पुतिन ने किया यूक्रेन रणनीति में बड़ा बदलाव, अब रूसी सेना की खुफिया एजेंसी GRU संभालेगी पूरा ऑपरेशन
पुतिन ने पूरे यूक्रेन ऑपरेशन से अपनी सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (एफएसबी) को बाहर कर दिया है। द मॉस्को टाइम्स की खबर के मुताबिक अब यूक्रेन के तमाम खुफिया ऑपरेशन की कमान रूसी फौज की खुफिया एजेंसी यानी मिलिट्री इंटेलिजेंस विंग जीआरयू के हवाले कर दी गई है।
रूस और यूक्रेन के बीच का युद्ध अब तीसरे महीने में पहुंच चुका है। लेकिन इतने दिनों में भी रूस को इस युद्ध में कोई बड़ी कामयाबी न मिल पाने के बाद अब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। पहले यूक्रेन में जारी जंग की जिम्मेदारी अपने फौज के जनरल एलेक्जेंडर डॉर्निकोव को सौंपने के बाद अब पुतिन ने पूरे यूक्रेन ऑपरेशन से अपनी सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (एफएसबी) को बाहर कर दिया है। द मॉस्को टाइम्स की खबर के मुताबिक अब यूक्रेन के तमाम खुफिया ऑपरेशन की कमान रूसी फौज की खुफिया एजेंसी यानी मिलिट्री इंटेलिजेंस विंग जीआरयू के हवाले कर दी गई है।
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आखिर पुतिन ने दुनियाभर में रूस के खुफिया ऑपरेशन को अंजाम देने वाली अपनी एजेंसी एफएसबी को बाहर क्यों किया? ये एक बड़ा सवाल है। कहा जा रहा है पुतिन ने एफएसबी को यूक्रेन में लगातार नाकामयाब होने के बाद बाहर किया है। जानकारी के मुताबिक एफएसबी ने यूक्रेन युद्ध से पहले पुतिन को इनपुट दिया था कि अगर एक बार रूसी फौज यूक्रेन में घुस जाएगी तो इस देश में रशियन भाषा बोलने वाले लोग बड़े पैमाने पर जेलेंस्की के खिलाफ बगावत करके रूस का साथ देंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। एफएसबी के इस गलत आंकलन से पुतिन खासा नाराज हैं।
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सोवियत यूनियन के समय जीआरयू को वहां की खुफिया एजेंसी केजीबी के एक हिस्से के तौर पर बनाया गया था। 1991 में सोवियत यूनियन टूटने पर ऐसा माना जाता है कि रूस ने केजीबी के बजाय जीआरयू को ज्यादा तरजीह दी। एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के मुताबिक आज की तारीख में जीआरयू ही रूस की मेन इंटेलिजेंस डायरेक्ट्रेट है। माना जाता है कि 2018 में इंग्लैंड के सेलिसबरी में एक्स रूसी जासूस पर नर्व गैस हमले में जीआरयू का ही हाथ था। अप यूक्रेन में खुफिया कार्यवाई को संभालने के लिए पुतिन ने जीआरयू को जिम्मेदारी दी है। पुतिन ने जीआरयू के डिप्टी हेड व्लादिमीर एलेक्ससिएव अब यूक्रेन में रूस के तमाम खुफिया ऑपरेशन का जिम्मा संभालेंगे। एलेक्ससिएव को पुतिन का भरोसेमंद माना जाता है। वो सीरिया में भी रूसी फौज के मिशन को अंजाम देने में अहम भूमिका निभा चुके हैं।
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