राजनीतिक संकट के बाद राजपक्षे श्रीलंका के मुख्य विपक्षी नेता बने

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[email protected] । Dec 18 2018 6:11PM

रानिल विक्रमसिंघे के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में 51 दिनों से जारी राजनीतिक गतिरोध समाप्त होने पर पहली बार संसद की बैठक हुई और इस दौरान अध्यक्ष के जयसूर्या ने उनके (राजपक्षे के) नाम की घोषणा की ।

कोलंबो। श्रीलंका में अप्रत्याशित राजनीतिक संकट के दौर में लगभग दो महीने तक प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद महिंदा राजपक्षे मंगलवार को संसद में मुख्य विपक्षी नेता बन गए हैं । इससे कुछ ही दिन पहले उन्होंने प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था। राजपक्षे (73) ने तमिल पार्टी के वरिष्ठ तमिल नेता आर संपंथन का स्थान लिया है जो 2015 से विपक्ष के नेता के पद पर थे । रानिल विक्रमसिंघे के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में 51 दिनों से जारी राजनीतिक गतिरोध समाप्त होने पर पहली बार संसद की बैठक हुई और इस दौरान अध्यक्ष के जयसूर्या ने उनके (राजपक्षे के) नाम की घोषणा की ।

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तमिलन नेशनल अलायंस के एम ए सुमंथिरन तथा श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस के रऊफ हकीम ने राजपक्षे की नियुक्ति का विरोध किया । उन्होंने दावा किया कि राजपक्षे अब संसद के सदस्य नहीं हैं क्योंकि वह हाल ही में दूसरे राजनीतिक दल में शामिल हो गए थे ।

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राजपक्षे ने श्रीलंका पीपुल्स पार्टी की सदस्यता ले ली है और उन्होंने यूनाईटेड पीपुल्स फेडरेशन अलायंस छोड़ दिया है जिससे वह 2015 में सांसद चुने गए थे । अध्यक्ष जयसूर्या ने सुमंथिरन से कहा कि राजपक्षे के खिलाफ अपनी शिकायत लिखित में दर्ज करायें ताकि चयन समिति को इस बारे में विस्तार से जानकारी मिल सके ।

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