सऊदी अरब पाक में तीन सीपीईसी परियोजनाओ का वित्त पोषण करेगा

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[email protected] । Sep 28 2018 5:50PM

चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना में नए भागीदार सऊदी अरब ने 50 अरब डॉलर के सीपीईसी के तहत तीन सड़क बुनियादी ढांचे और ऊर्जा परियोजनाओं का वित्तपोषण करने के लिए

इस्लामाबाद। चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना में नए भागीदार सऊदी अरब ने 50 अरब डॉलर के सीपीईसी के तहत तीन सड़क बुनियादी ढांचे और ऊर्जा परियोजनाओं का वित्तपोषण करने के लिए पाकिस्तान के साथ बड़े समझौते किये हैं। मीडिया में ऐसी खबर आयी है। दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और खैबर पख्तूनख्वा में स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों की परियोजना के वित्तपोषण के लिए भी 1.61 करोड़ डॉलर के तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किये।

सऊदी फंड फॉर डेवलपमेंट के अध्यक्ष अहमद अकील अल खतीब की पाकिस्तान यात्रा के दौरान इन समझौतों पर सऊदी राजदूत और पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को दस्तखत किया। अहमद अकील अल खतीब के साथ छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी है। खबरों के अनुसार सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान के सहयोगी बृहस्पतिवार को बिना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के यहां ठहरे जिससे नकदी की संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए सऊदी अरब के अरबों डॉलर के पैकेज के मिलने की संभावना बनी है।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार सऊदी अरब ने पीओके में एक विश्वविद्यालय में शाह अब्दुल्ला बिन अब्दुल्ला अजीज परिसर को संवारने के लिए एक करोड़ डॉलर का अनुदान दिया। सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा , ‘‘ये समझौते प्रधानमंत्री इमरान खान की हाल की सऊदी अरब की यात्रा के दौरान हुई सहमति के अनुरुप है।’’

सीपीईसी के तहत सड़क बुनियादी ढांचे और ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण से संबंधित समझौते के बारे में मंत्री ने कहा, ‘‘तीन अनुदान समझौतों पर दस्तखत के साथ पहला कदम उठाया गया है। यह सकारात्मक कदम है और दोनों देशों के बीच संबंधों के शुभ संकेत है।’’ सीपीईसी अरबों डॉलर के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव की महत्वपूर्ण परियोजना है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की यह अहम परियोजना है जिसका लक्ष्य चीन की वित्तपोषित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के माध्यम से दुनियाभर में उसका प्रभाव बढ़ाना है। भारत ने सीपीईसी का विरोध किया है क्योंकि यह पीओके से गुजरता है।

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