Green hydrogen के लिये वैज्ञानिकों ने समुद्री जल को विभाजित किया

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अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने प्राकृतिक समुद्री जल को लगभग 100 प्रतिशत दक्षता के साथ ऑक्सीजन और हाइड्रोजन में विभाजित किया, ताकि विद्युत अपघटन (इलेक्ट्रोलिसिस) द्वारा हरित हाइड्रोजन का उत्पादन किया जा सके।

मेलबर्न, तीन फरवरी शोधकर्ताओं ने हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए पूर्व-उपचार के बिना समुद्री जल को सफलतापूर्वक विभाजित किया है। अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने प्राकृतिक समुद्री जल को लगभग 100 प्रतिशत दक्षता के साथ ऑक्सीजन और हाइड्रोजन में विभाजित किया, ताकि विद्युत अपघटन (इलेक्ट्रोलिसिस) द्वारा हरित हाइड्रोजन का उत्पादन किया जा सके। अध्ययन में कहा गया है कि उन्होंने एक वाणिज्यिक इलेक्ट्रोलाइजर (विद्युत के प्रयोग से द्रव के विभिन्‍न रासायनिक अंशों को पृथक करने की प्रक्रिया) में एक गैरकीमती और सस्ते उत्प्रेरक का इस्तेमाल किया।

एक विशिष्ट गैर-कीमती उत्प्रेरक कोबाल्ट ऑक्साइड है जिसकी सतह पर क्रोमियम ऑक्साइड होता है। ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता याओ झेंग ने कहा, “हमने उत्क्रम परासरण (रिवर्स ऑस्मोसिस) डीसोलेशन, शुद्धिकरण, या क्षारीकरण जैसी किसी भी पूर्व-उपचार प्रक्रियाओं की आवश्यकता के बिना समुद्री जल को कच्चे माल के रूप में उपयोग किया।” झेंग ने कहा, “समुद्री जल में चलने वाले हमारे उत्प्रेरकों के साथ एक वाणिज्यिक इलेक्ट्रोलाइजर का प्रदर्शन अत्यधिक शुद्ध विआयनीकृत पानी के कच्चे माल (फीड स्टॉक) पर चलने वाले प्लैटिनम/इरिडियम उत्प्रेरकों के प्रदर्शन के लगभग बराबर है।”

टीम ने ‘नेचर एनर्जी’ पत्रिका में अपना शोध प्रकाशित किया। झेंग ने कहा, “वर्तमान इलेक्ट्रोलाइजर अत्यधिक शुद्ध पानी विद्युत अपघट्य (इलेक्ट्रोलाइट) के साथ संचालित होते हैं। जीवाश्म ईंधन द्वारा उत्पन्न ऊर्जा को आंशिक रूप से या पूरी तरह से बदलने के लिए हाइड्रोजन की बढ़ती मांग तेजी से सीमित मीठे पानी के संसाधनों की कमी को काफी बढ़ाएगी।” समुद्री जल लगभग अक्षय संसाधन है और इसे प्राकृतिक ‘फीडस्टॉक’ विद्युत अपघटक माना जाता है। अध्ययन में कहा गया है कि यह लंबी तटरेखा और प्रचुर धूप वाले क्षेत्रों के लिए अधिक व्यावहारिक है। अध्ययन में कहा गया कि यह हालांकि उन क्षेत्रों के लिए व्यावहारिक नहीं है जहां समुद्री जल की कमी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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