दक्षिण कोरिया ने 50,000 टन चावल उत्तर कोरिया को भेजने की बनाई योजना

south-korea-plans-to-send-50-000-tonnes-of-rice-to-north-korea

दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्री तथा उत्तर कोरिया के लिए प्रभारी किम येओन चुल ने कहा कि उनकी सरकार संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के साथ काम करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खाद्यान्न बिना किसी देरी के उत्तर कोरिया के लोगों तक पहुंचे।

सोल। दक्षिण कोरिया ने बुधवार को कहा कि पिछले महीने घोषित किए गए अपने दूसरे सहायता पैकेज में वह विश्व खाद्य कार्यक्रम के तहत 50,000 टन चावल उत्तर कोरिया को भेजने की योजना बना रहा है, क्योंकि वह वहां भोजन की कमी को दूर करना और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार करना चाहता है। दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्री तथा उत्तर कोरिया के लिए प्रभारी किम येओन चुल ने कहा कि उनकी सरकार संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के साथ काम करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खाद्यान्न बिना किसी देरी के उत्तर कोरिया के लोगों तक पहुंचे।

इसे भी पढ़ें: शी चिनफिंग ने उत्तर कोरिया के साथ बीजिंग की दोस्ती को बताया स्थायी

दक्षिण कोरिया ने पिछले हफ्ते 80 लाख अमेरिकी डालर विश्व खाद्य कार्यक्रम एवं संयुक्त राष्ट्र बाल कोष को भेजा था। इसका मकसद उत्तर कोरिया की गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को चिकित्सा सुविधा तथा पोषण संबंधी सहायता मुहैया कराना था। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने पिछले हफ्ते कहा था किउत्तर कोरिया में लगभग एक करोड़ लोगों के पास भोजन का अभाव है। किम ने कहा कि वर्तमान सहायता के परिणाम की समीक्षा करने के बाद दक्षिण कोरिया और खाद्यान्न सहायता देने के बारे में विचार करेगा।

इसे भी पढ़ें: जापान ने उत्तर कोरिया की 300 नौकाओं को अपने समुद्री क्षेत्र से खदेड़ा

किम ने कहा कि दक्षिण कोरिया और डब्ल्यूएफपी इस बात की समीक्षा कर रहे हैं कि उत्तर कोरिया को चावल कैसे भेजा जाए । इस बात पर भी विचार किया जा रहा है किसमुद्री मार्ग से भेजा जानाहवाई परिवहन की तुलना में अधिक प्रभावी होगा। मंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 50 हजार टन चावल भेजने में कम से कम दो महीने का वक्त लगेगा । सरकार अपनी ओर से पूरा प्रयास करेगी ताकि चावल उत्तर कोरिया सितंबर तक पहुंच जाये।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़