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अटकलों पर लगा विराम, महीनों से लापता जैक मा वीडियो काॅन्फ्रेंस में आए नजर
- अभिनय आकाश
- जनवरी 20, 2021 12:26
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हीनों से लापता जैक मा वीडियो काॅन्फ्रेंस में नजर आए। जैक मा के काॅन्फ्रेंस में उपस्थित होने की बातें एक ब्लाॅग के जरिये सामने आई थी। जैक मा हर साल होने वाली रूरल एजुकेशन से जुड़े वार्षिक कार्यक्रम में नजर आए।
अलीबाबा के सह संस्थापक अरबपति कारोबारी जैक मा महीनों बाद सार्वजनित तौर पर दिखाए दिए। उन्होंने ऑानलाइन काॅन्फ्रेंस के माध्यम से शिक्षकों को संबोधित किया। वीडियो काॅन्फ्रेंस के जरिये उन्होंने कहा कि महामारी खत्म होने के बाद हम फिर से मिलेंगे। जैक मा के काॅन्फ्रेंस में उपस्थित होने की बातें एक ब्लाॅग के जरिये सामने आई थी। जैक मा हर साल होने वाली रूरल एजुकेशन से जुड़े वार्षिक कार्यक्रम में नजर आए।
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गौरतलब है कि 24 अक्टूबर 2020 को एक मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में चीनी राजनीति और अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े अधिकारी पहुंचे। इसमें जैक मा ने चीनी बैंकों की आलोचना खुलेआम की थी। वे बोले- बैंक फंडिग के लिए कुछ गिरवी रखने की मांग करते हैं। इससे नई तकनीकों को फंड नहीं मिल पाता और नए प्रयोग रूक जाते हैं। जैक यही नहीं रूके उन्होंने वैश्विक बैंकिंग नियमों को बुजुर्गों का क्लब करार दिया था। वाॅल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार जैक मा की बातों से शी जिनपिंग काफी नाराज हुए थे। कुछ ही दिनों बाद एंटी ट्रस्ट नियम बना दिए गए जिसके तहत अलीबाबा ग्रुप की जांच शुरू कर दी गई। जैक मा से नाराजगी निकालने के लिए चीन इस हद तक गया कि सेंट्रल बैंक ने एंट ग्रुप के अफसरों से पूरे बिजनेस को ही नए नियमों के हिसाब से रजिस्टर करने को कह दिया। एंट ग्रुप पर कार्यवाई चल ही रही थी कि इसी वक्त जैक मा अपने टीवी शो अफ्रीका बिजनेस हीरोज के आखिरी एपिसोड से ठीक पहले रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। जिसके बाद से चीन सरकार द्वारा जैक मा को नजरबंद करने की खबरें सामने आने लगी।
#JUSTIN: #JackMa not disappear, here we go: Ma just had a video conference with 100 village teachers on Wednesday morning, saying: after #COVID19, we'll meet each other again https://t.co/cBm1ryZJQr
— Qingqing_Chen (@qingqingparis) January 20, 2021
किसी अन्य देश के राज्येत्तर तत्व से निपटने के लिए पहले ही हमला किया जा सकता है : भारत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 25, 2021 15:22
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फरवरी भारत ने संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में कहा कि कोई देश किसी अन्य देश के राज्येत्तर तत्व की ओर से आसन्न सशस्त्र हमले को विफल करने के लिए ‘‘ पहले ही हमला’’ करने के लिए बाध्य हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में कहा कि कोई देश किसी अन्य देश के राज्येत्तर तत्व की ओर से आसन्न सशस्त्र हमले को विफल करने के लिए ‘‘ पहले ही हमला’’ करने के लिए बाध्य हो सकता है। भारत ने इसके साथ ही पुलवामा सहित कई आतंकवादी हमलों का जिक्र किया जो पड़ोसी देश की जमीन से उस पर किए गए हैं। भारत का इशारा पाकिस्तान की ओर था। संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के उप स्थाई प्रतिनिधि राजनयिक के. नागराज नायडू ने मेक्सको द्वारा आयोजित ‘अरिया फॉर्मूल’बैठक में यह बात कही।
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उन्होंने कहा कि राज्येत्तर तत्व जैसे कि आतंकवादी संगठन मेजबान देश के दूर दराज के इलाकों से अन्य देशों पर अक्सर हमला करते हैं। नायडू ने कहा कि इस पर बड़ी संख्या में देशों का मानना है कि अन्य देश से गतिविधि को अंजाम दे रहे किसी राज्येत्तर तत्व के खिलाफ बल का इस्तेमाल किया जा सकता है अगर ‘‘ राज्येत्तर तत्व ने देश के खिलाफ लगातार हमले किए हैं, यदि उसे समर्थन दे रहा देश राज्येत्तर तत्व के खतरों से निपटने की इच्छा नहीं रखता हो, या देश उसका साथ दे रहा हो या उसे प्रायोजित कर रहा हो।’’
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उन्होंने बुधवार को कहा, ‘‘दूसरे शब्दों में कोई देश किसी अन्य देश से राज्येत्तर तत्व की ओर से आसन्न सशस्त्र हमले को विफल करने के लिए ‘‘ पहले ही हमला’’ करने के लिए बाध्य हो सकता है।’’ ‘आरिया फॉर्मूला’ बैठकें ‘संयुक्त राष्ट्र चार्टर के समग्र सुरक्षा तंत्र को बरकरार रखने ‘अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बल के इस्तेमाल, राज्येत्तर तत्वों, और वैध आत्मरक्षा’’ पर सुरक्षा परिषद की औपचारिक बैठकें है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव 1368 (2001) और 1373 (2001) ने औपचारिक रूप से यह पक्ष रखा है कि आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए आत्मरक्षा में कदम उठाए जा सकते हैं।
बजट विभाग के निदेशक पद के लिए नामित है नीरा टंडन, रिपब्लिकन पार्टी के नेता कर रहे विरोध
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 25, 2021 14:33
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नीरा टंडन के नाम की पुष्टि में देरी हो रही है।सीनेट गृह सुरक्षा एवं सरकारी मामलों संबंधी समिति और सीनेट बजट समिति ने टंडन के नाम की पुष्टि के लिए बुधवार को होने वाले होने वाला मतदान अचानक स्थगित कर दिया।
वाशिंगटन। अमेरिका में प्रबंधन एवं बजट विभाग के निदेशक पद के लिए नामित भारतीय-अमेरिकी नीरा टंडन के नाम की पुष्टि संबंधी बैठकों को दो अहम सीनेट समितियों ने अचानक स्थगित कर दिया। इस बीच, व्हाइट हाउस ने कहा कि वह टंडन के नाम की पुष्टि कराने की कोशिश कर रहा है। नीरा टंडन ने अतीत में अपनी पार्टी के नेताओं समेत कई नेताओं के खिलाफ ट्वीट किए थे, जिनके कारण रिपब्लिकन पार्टी के नेता और कुछ डेमोक्रेटिक सीनेटर उनके नामांकन का विरोध कर कर रहे हैं। ऐसे में बुधवार से इस प्रकार की अटकलें लगने लगी हैं कि व्हाइट हाउस टंडन की पुष्टि के लिए आवश्यक मत हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहा है।
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सीनेट गृह सुरक्षा एवं सरकारी मामलों संबंधी समिति और सीनेट बजट समिति ने टंडन के नाम की पुष्टि के लिए बुधवार को होने वाले होने वाला मतदान अचानक स्थगित कर दिया। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम नामांकन (की पुष्टि) की कोशिश कर रहे हैं और वह (टंडन) तथा हमारी टीम सीनेटरों एवं अहम समूहों के निकट संपर्क में है। वह एक विशेषज्ञ हैं और इस अप्रत्याशित संकट में उनकी योग्यता की बहुत आवश्यकता है।’’ साकी ने कहा कि टंडन अपने नाम की पुष्टि के लिए पूरा जोर लगा रही हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या व्हाइट हाउस उनका कोई विकल्प ढूंढ रहा है, उन्होंने कहा, ‘‘बजट विभाग का नेतृत्व करने के लिए एक उम्मीदवार है और उनका नाम नीरा टंडन है और हम उनके नाम की पुष्टि की कोशिश कर रहे हैं।’’ अगर सीनेट में टंडन (50) के नाम की पुष्टि हो जाती है तो वह ऐसी पहली भारतवंशी महिला होंगी, जो अमेरिकी सरकार के वार्षिक बजट का निर्माण करने वाली संघीय एजेंसी का नेतृत्व करेंगी। ओहायो से रिपब्लिकन सांसद रॉब पोर्टमैन ने सोमवार को कहा था कि वह नाम की पुष्टि के दौरान टंडन के विरोध में मतदान करेंगे। इसके अलावा रिपब्लिकन सांसद सुसन कोलिंस और मिट रोमनी भी टंडन के नाम पर विरोध जता चुके हैं।
अंडमान सागर मे रोहिंग्या शरणार्थियों का नहीं मिल रहा नौका, तलाश में जुटी भारत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 25, 2021 14:29
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संयुक्त राष्ट्र एवं मानवाधिकार समूहों ने बताया कि नौका पर सवार करीब 90 शरणार्थियों की हालत बेहद खराब है। उनके परिवारों को आशंका है कि उनमें से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त ने बुधवार को कहा कि उसे इस बात की सटीक जानकारी नहीं है कि नौका कहा हैं।
ढाका। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि भारतीय तट रक्षक बल अंडमान सागर में उन रोहिंग्या शरणार्थियों की नौका की तलाश में मदद कर रहा है, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे सागर में भटक गए हैं और वे कई दिनों से भूखे-प्यासे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि नौका दो सप्ताह पहले बांग्लादेश से रवाना हुई थी और इसके बाद यह सागर में खराब हो गई। संयुक्त राष्ट्र एवं मानवाधिकार समूहों ने बताया कि नौका पर सवार करीब 90 शरणार्थियों की हालत बेहद खराब है। उनके परिवारों को आशंका है कि उनमें से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त ने बुधवार को कहा कि उसे इस बात की सटीक जानकारी नहीं है कि नौका कहा हैं। एजेंसी ने सोमवार को निकटवर्ती देशों से यह पता लगाने का आग्रह किया था कि नौका कहां है साथ ही कहा था कि यदि नौका मिल जाती है, तो वह उसे मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए तैयार है।
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नौका पर सवार 25 वर्षीय युवक की मां नसीमा खातून ने कहा कि वह अपने बेटे को लेकर चिंतित है। खातून ने कहा, ‘‘हे भगवान, मेरे बेटे समेत नौका में बचे सभी लोगों को अपने चमत्कार से बचा लो। उन्हें कहीं किनारे पर ले जाओ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या मेरा बेटा जीवित है? क्या भूखे रहने के कारण उसे कुछ हो तो नहीं गया? वह केवल चार लीटर पानी अपने साथ लेकर गया था।’’ रोहिंग्या संकट पर नजर रखने वाली ‘अराकान परियोजना’ केनिदेशक क्रिस लेवा ने कहा कि उन्होंने सुना है कि नौका पर सवार कम से कम आठ लोगों की मौत हो चुकी है। एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए यूएनएचसीआर क्षेत्रीय ब्यूरो की प्रवक्ता कैथरीन स्टबरफील्ड ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी भारतीय तट रक्षक बल की तलाश एवं बचाव टीम तैनात किए जाने की सराहना करती है। भारतीय तटरक्षक बल के प्रवक्ता पी एन अनूप ने कहा कि उनके पास ‘‘बताने के लिए अभी कुछ भी नहीं है’’।

