लंका संकट- राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित
श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त करने के बाद संसद भंग करने और मध्यावधि चुनाव कराने के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के विवादित
कोलंबो। श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त करने के बाद संसद भंग करने, और मध्यावधि चुनाव कराने के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के विवादित फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर निर्णय शुक्रवार को सुरक्षित रख लिया। राष्ट्रपति सिरीसेना के इन आदेशों से देश में बड़ा संवैधानिक संकट पैदा हो गया था।
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Supreme Court begins hearing for the 3rd day petitions against dissolution of Parliament. Sanjeewa Jayawardena PC resumes submissions in SC 502 #srilanka #CoupLk #ConstitutionalCrisisSriLanka pic.twitter.com/FBR2uwqfjE
— Eureka Gangabada🇱🇰 (@eurekagangabada) December 6, 2018
वकीलों ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने निरंतर चार दिन 13 याचिकाओं पर सुनवाई की और शुक्रवार की सुनवाई हाल के इतिहास में उच्चतम न्यायालय की सबसे लंबी सुनवाई में से एक है।
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प्रधान न्यायाधीश नलिन परेरा की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ ने मंगलवार से संसद भंग करने की सिरीसेना की गजट अधिसूचना के खिलाफ दायर मौलिक अधिकार संबंधी याचिकाओं पर मौखिक दलीलें सुनना शुरू किया था।
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