सूडान आग हादसे में पीड़ित अधिकतर व्यक्ति तमिलनाडु और बिहार के: भारतीय दूतावास
सूडान में चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने की एक फैक्टरी में एलपीजी टैंकर में हुए धमाके में घायल या लापता भारतीय लोगों में से अधिकतर तमिलनाडु और बिहार के हैं। गौरतलब है कि हादसे में मारे गए लोगों में 18 भारतीय हैं जिनकी शिनाख्त नहीं हो सकी है।
खारतूम। सूडान में चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने की एक फैक्टरी में एलपीजी टैंकर में हुए धमाके में घायल या लापता भारतीय लोगों में से अधिकतर तमिलनाडु और बिहार के हैं। अधिकारी उन 18 भारतीयों के बारे में पता लगा रहे हैं जिनकी इस हादसे में मौत हुई है। भारतीय दूतावास ने उन भारतीयों की एक विस्तृत सूची जारी की है जो हादसे के बाद अस्पताल में भर्ती हैं अथवा हादसे में बच गए हैं अथवा लापता हैं । यह हादसा सूडान की राजधानी खारतूम के बाहरी इलाके में स्थित ‘सीला सेरामिक फैक्टरी’ में मंगलवार को हुआ था जिसमें 23 लोगों की मौत हो गयी जबकि 130 अन्य घायल हो गए।
The Embassy is in constant touch with the factory management. Embassy staff has been stationed at the site as well.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 4, 2019
We are working with the Sudanese authorities to facilitate the identification of the deceased at the earliest.
गौरतलब है कि हादसे में मारे गए लोगों में 18 भारतीय हैं जिनकी शिनाख्त नहीं हो सकी है। हादसे के बाद सात भारतीय अस्पताल में भर्ती कराये गए हैं जिनमें से चार की स्थिति नाजुक है और 16 लापता हैं। पीड़ितों में छह तमिलनाडु से, पांच बिहार से, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से चार-चार, हरियाणा से दो जबकि दिल्ली और गुजरात के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। जो अस्पताल में भर्ती हैं उनमें से जय कुमार, बुबलां और मोहम्मद सलीम तमिलनाडु से हैं जबकि रविंदर सिंह और सुरेंद्र कुमार राजस्थान से हैं। अस्पताल में भर्ती नीरज कुमार बिहार से जबकि सोनू प्रसाद उत्तर प्रदेश के हैं।
Have received further updates. There were 60 Indians employed in the factory. 53 of them were understood to be present at the factory and residential area at the time of the accident.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 4, 2019
इसे भी पढ़ें: पीएम नरेंद्र मोदी ने सूडान के एक फैक्ट्री में भारतीयों की मौत पर दुख प्रकट किया
लापता लागों की पहचान तमिलनाडु के राम कृष्ण, राज शेखर और वेंकट चलम, बिहार के राम कुमार, अमित तिवारी, हरिनाथ और नीतीश कुमार मिश्र, उत्तर प्रदेश के जीशान खान, मोहित एवं प्रदीप वर्मा, राजस्थान के भजन लाल एवं जयदीप, हरियाणा के पवन एवं प्रदीप, दिल्ली के इंतजार खान एवं गुजरात के बहादुर के रूप में की गयी है। भारतीय दूतावास ने बुधवार को बयान जारी कर कहा, कि लापता लोगों में से कुछ मृतकों की सूची में हो सकते हैं, जो हमें नहीं मिली है क्योंकि शव के बुरी तरह से जल जाने के कारण पहचान होनी संभव नहीं है।
घटना पर शोक जताते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि फैक्टरी में काम करने वाले कर्मचारियों में 60 भारतीय थे। उन्होंने कहा कि उनमें से 53 के बारे में यह माना जाता है कि वह घटना के समय फैक्टरी और आवासीय इलाकों में मौजूद थे। विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे पास भारतीय कर्मचारियों के हताहत होने की दुखद सूचना है और हम संख्या का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। घायलों को अल अमाल अस्पताल, ओमदुर्मान टीचिंग अस्पताल और इब्राहिम मलिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि खारतूम स्थित भारतीय दूतावास लगातार फैक्टरी प्रबंधन के संपर्क में है और दूतावासकर्मी मौके पर मौजूद हैं।
इसे भी पढ़ें: सूडान फैक्ट्री में धमाके से 18 भारतीयों समेत 23 की मौत, विदेश मंत्री ने की पुष्टि
विदेश मंत्री ने कहा कि हम लोग सूडान के अधिकारियों के साथ मिल कर काम कर रहे हैं ताकि मृतकों की जल्द पहचान हो सके। घटना में जीवित बचे कुल 34 भारतीयों को सलूमी सेरामिक्स फैक्टरी के आवास में रखा गया है। सूडान की सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि गैस टैंकर में विस्फोट के बाद आग लगने की घटना हुई है। बयान में कहा गया है कि प्रारंभिक अवलोकन में ज्वलनशील सामग्री के भंडारण के अलावा, कारखाने में आवश्यक सुरक्षा उपायों और उपकरणों की कमी का संकेत मिलता है। इसमें कहा गया है कि मामले की जांच शुरू की गयी है।
इसे भी पढ़ें: सूडान में पूर्व राष्ट्रपति बशीर को सत्ता से हटाने के बाद पहले मंत्रिमंडल का गठन
इस बीच अमेरिका के दौरे पर गए सूडान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक ने पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट की और कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट में आवश्यक सुरक्षा उपायों की कमी दिखती है। सूडान ट्रिब्यून पोर्टल ने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा है कि भविष्य में ऐसी किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पुनरावृत्ति रोकने एवं हादसे की जिम्मेदारी तय करने के लिए मंत्रिपरिषद् एक जांच समिति गठित करेगी।
अन्य न्यूज़