सूडान के विपक्षी नेता और सैन्य शासक संयुक्त नागरिक-सैन्य परिषद पर हुए सहमत
विरोध अभियान का संचालन करने वाले नेताओं में से एक वार्ता में शामिल रहने वाले अहमद अल-राबिया ने एएफपी को बताया कि हम नागरिक और सेना के बीच एक संयुक्त परिषद पर सहमति हो गए हैं।
खार्तूम। सूडान के प्रदर्शनकारी नेता और सैन्य शासक शनिवार को एक संयुक्त नागरिक-सैन्य प्रशासक परिषद की स्थापना के लिए सहमत हो गए हैं। इस अत्यंत विवादित मुद्दे पर समझौता तब हुआ जब सेना ने लंबे समय तक नेता रहे उमर अल-बशीर को 11 अप्रैल को हटा दिया जिसके बाद हजारों प्रदर्शनकारी सैन्य शासन खत्म करने की मांग करते हुए सैन्य मुख्यालय के बाहर डटे रहे। विरोध अभियान का संचालन करने वाले नेताओं में से एक व वार्ता में शामिल रहने वाले अहमद अल-राबिया ने एएफपी को बताया कि हम नागरिक और सेना के बीच एक संयुक्त परिषद पर सहमति हो गए हैं।
#UPDATE Sudan's protest leaders and army rulers agreed to establish a joint civilian-military ruling council, a major breakthrough in talks between the two sides over demonstrators' demands for a handover to civilian rule https://t.co/RMnQoprF6K
— AFP news agency (@AFP) April 27, 2019
उन्होंने कहा कि अब हम इस पर विचार कर रहे हैं कि परिषद में कितने प्रतिशत नागरिक प्रतिनिधित्व और कितने प्रतिशत सैन्य प्रतिनिधि रहेंगे। एक प्रदर्शनकारी अहमद नाजदी ने कहा कि मैं वार्ता के परिणाम से खुश हूं। अन्य प्रदर्शनकारी भी खुश होंग। उन्होंने कहा कि हम अभी भी संयुक्त परिषद की अंतिम संयोजन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसी बीच, एक शीर्ष विपक्षी नेता ने शनिवार को सूडान से अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) का सहयोग करने का आह्वान किया है, जिसने देश के अपदस्थ राष्ट्रपति उमर अल-बशीर को दोषी ठहराया है।
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देश के पूर्व प्रधानमंत्री और विरोध का समर्थन करने वाली नेशनल उम्मा पार्टी के प्रमुख सादिक अल-महदी ने भी पत्रकारों को बताया कि सेना का बशीर को हटाना ‘‘सैन्य तख्तापलट नहीं’’ था। बहरहाल, दोनों पक्षों के बीच समझौता एक बड़ी सफलता है क्योंकि सेना के मौजूदा नेताओं ने सड़कों पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव के बावजूद नागरिक प्रशासन को सत्ता सौंपने से इनकार कर दिया था।
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