कोर्ट ने लगाई मुशर्रफ को फटकार कहा- 2 मई तक पेश हों वरना बचाव का अधिकार खो देंगे

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[email protected] । Apr 2 2019 3:52PM

न्यायमूर्ति खोसा ने बचाव पक्ष के वकील को याद दिलाते हुए कहा, ‘‘हम संदिग्ध को जानबूझकर अदालत में पेश नहीं होने का लाभ नहीं उठाने दे सकते। देशद्रोह कोई सामान्य अपराध नहीं है।’’

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को देशद्रोह के एक मामले में दो मई को विशेष अदालत में पेश होने का आदेश दिया है और चेतावनी दी है कि पेश नहीं होने पर वह बचाव का अधिकार खो देंगे। विशेष अदालत ने मुशर्रफ (75) को मार्च, 2014 में देशद्रोह के मामले में अभ्यारोपित किया था। मुशर्रफ इलाज के लिए 2016 में दुबई चले गये थे और तब से नहीं लौटे हैं। पिछले महीने उन्हें दुबई में किसी दुर्लभ बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था । वैसे पहले से ही उनका इस रोग को लेकर इलाज चल रहा था।

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शीर्ष अदालत के प्रधान न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ एक वकील की याचिका पर सुनवाई कर रही है। वकील ने कहा कि 2014 से विशेष अदालत में देशद्रोह के इस मामले में चल रही सुनवाई थम गयी है क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति 2016 से देश नहीं लौटे हैं। न्यायमूर्ति खोसा ने बचाव पक्ष के वकील को याद दिलाते हुए कहा, ‘‘हम संदिग्ध को जानबूझकर अदालत में पेश नहीं होने का लाभ नहीं उठाने दे सकते। देशद्रोह कोई सामान्य अपराध नहीं है।’’ पाकिस्तान मुस्लिम लीग -नवाज (पीएमएल-एन) ने नवंबर 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति मुशर्रफ द्वारा संविधानेतर आपातकाल लगाने को लेकर उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कराया था। 

याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि यदि विशेष अदालत अगली सुनवाई के दौरान यह तय नहीं कर पाती है कि पूर्व राष्ट्रपति का बयान कैसे दर्ज किया जाए, तो वह हस्तक्षेप करेगी। शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा कि यदि मुशर्रफ दो मई को विशेष अदालत में पेश नहीं होते हैं तो वह दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 342 के तहत बयान दर्ज कराने का अपना अधिकार खो देंगे। मुशर्रफ के वकील ने अदालत से कहा, ‘‘हमने मुशर्रफ की पत्नी से संपर्क किया। पूर्व राष्ट्रपति ने लौटने की तारीख 13 मई तय की है और वह स्काइप के माध्यम से अपना बयान दर्ज नहीं कराना चाहते हैं क्योंकि अनेक दस्तावेज भी हैं।’’

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जियो न्यूज के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति के वकील ने अदालत में कहा, ‘‘मुशर्रफ के वकील के नाते मैं आश्वासन नहीं दे सकता कि वह दो मई को अदालत में पेश होंगे। यह उनके स्वास्थ्य का मामला है और वह फिलहाल कीमोथेरेपी से गुजर रहे हैं।’’ शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि मुशर्रफ दो मई को विशेष अदालत में पेश नहीं होते हैं तो अदालत को अभियोजन की दलीलों के आधार पर अपना निर्णय देना चाहिए। विशेष अदालत ने 28 मार्च को मुशर्रफ को दो मई को पेश होने का आदेश दिया था। यह आदेश भी सोमवार को शीर्ष अदालत में पेश किया गया।

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