अदालत ने ऋण समझौते पर पहुंचने में विफल रहने के बाद चाइना एवरग्रांडे को संपत्ति बेचने का दिया आदेश

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आदेश से चीन की वित्तीय प्रणाली पर असर पड़ने की आशंका है, भले ही अधिकारी चीनी शेयर बाजार में बिकवाली को रोकने की कोशिश कर रहे हों। एवरग्रांडे को दिसंबर में थोड़े समय के लिए छूट दी गई थी।

हांगकांग की एक अदालत ने रियल एस्टेट समूह चाइना एवरग्रांडे को लेनदारों के साथ पुनर्गठन समझौते पर पहुंचने में असमर्थ रहने के बाद अपनी संपत्ति बेचने का सोमवार को आदेश सुनाया।

न्यायाधीश लिंडा चान ने कहा कि ‘‘ व्यवहार्य पुनर्गठन प्रस्ताव को आगे बढ़ाने में कंपनी की ओर से प्रगति की कमी’’ के साथ-साथ एवरग्रांडे के दिवालिया होने की स्थिति को देखते हुए अदालत के लिए एवरग्रांडे को अपना व्यवसाय बंद करने का आदेश देना उचित है।

आदेश से चीन की वित्तीय प्रणाली पर असर पड़ने की आशंका है, भले ही अधिकारी चीनी शेयर बाजार में बिकवाली को रोकने की कोशिश कर रहे हों। एवरग्रांडे को दिसंबर में थोड़े समय के लिए छूट दी गई थी।

तब समूह ने कहा था कि वह देनदारियों में 300 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की नई ऋण पुनर्गठन योजना को ‘‘और बेहतर’’ बनाने का प्रयास कर रहा है। लेनदारों के एक समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील फर्गस सौरिन ने सोमवार को कहा कि वह आदेश से आश्चर्यचकित नहीं हैं। कंपनी हमारे साथ जुड़ने में विफल रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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