आस्ट्रेलिया चुनावी नतीजों में लेबर पार्टी का रहा नकारात्मक प्रचार: चुनाव विश्लेषक

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इसका लाभ उठाते हुये प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और उनकी पार्टी ने मतदाताओं के बीच लेबर पार्टी की कर नीति के विनाशकारी प्रभाव को लेकर आशंका पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

सिडनी। ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय चुनावों में लिबरल पार्टी नीती सत्तारूढ लिबरल-नेशनल गठबंधन ने जीत हासिल कर सत्ता पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। साथ ही, इस चुनाव में मध्य-वाम लेबर पार्टी के बड़े नीतिगत सुधार के एजेंडे के खिलाफ मतदाताओं को आगाह करने को लेकर किये गये नकारात्मक प्रचार का असर रहा। चुनाव विश्लेषकों ने रविवार को यह दावा किया। यह चुनाव मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर लड़ा गया था।

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विश्लेषकों ने कहा कि विपक्षी नेता बिल शॉर्टेन की मतदाताओं के बीच अलोकप्रियता और पार्टी द्वारा अपनी जटिल कर नीतियों के बारे में जनता को सही ढंग से नहीं समझा पाना इसका एक बड़ा कारण रहा। इसका लाभ उठाते हुये प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और उनकी पार्टी ने मतदाताओं के बीच लेबर पार्टी की कर नीति के विनाशकारी प्रभाव को लेकर आशंका पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ शोधार्थी मार्क केनी ने कहा कि लेबर पार्टी की विफलता ने पश्चिमी समाज के मतदाताओं में मजबूत नीति के प्रति रुझान कम होने को भी प्रतिबिंबित किया है।ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की अगुवाई वाले सत्ताधारी रूढ़िवादी गठबंधन ने शनिवार को ‘‘चमत्कारिक’’ तरीके से सत्ता में वापसी की।

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एग्जिट पोलों (चुनाव बाद के सर्वेक्षणों) के पूर्वानुमान के उलट इस गठबंधन ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं। जबकि एग्जिट पोलों में विपक्षी लेबर पार्टी की जीत का पूर्वानुमान किया गया था। अपनी अगली संसद और अगला प्रधानमंत्री चुनने के लिए ऑस्ट्रेलिया के मतदाताओं ने शनिवार को मतदान किया। देश में करीब पांच हफ्ते तक चले चुनाव प्रचार के बाद शनिवार को 1.6 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई मतदाताओं ने देश का 31वां प्रधानमंत्री चुनने के लिए मतदान किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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