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हांगकांग में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों का अंतरराष्ट्रीय दबाव, EU ने की आलोचना
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जून 13, 2019 12:04
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ईयू ने कहा कि प्रस्तावित कानून का ‘‘हांगकांग, उसके लोगों, ईयू और विदेशी नागरिकों और हांगकांग में कारोबार को लेकर भरोसे पर संभावित दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।’’ ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने कहा कि यह जरूरी है कि प्रस्तावित कानून ब्रिटेन-चीन समझौते का उल्लंघन नहीं करे।
हांगकांग। चीन में प्रत्यर्पण संबंधी विवादास्पद विधेयक को लेकर हिंसक प्रदर्शनों का सामना कर रहे हांगकांग पर बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। इस विवादास्पद विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बुधवार को हांगकांग की संसद में जबरन घुसने की कोशिश की थी।
इस पर पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, जिससे दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। पुलिस ने काले कपड़े पहने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया, रबर की गोलियां दागीं और लाठीचार्ज भी किया। विधेयक को लेकर आलोचना करने वालों में यूरोपीय संघ भी शामिल हो गया है। उसने कहा कि ईयू भी सरकार के प्रस्तावित प्रत्यर्पण सुधारों के संबंध में हांगकांग के नागरिकों की चिंताओं’’ में साझीदार है। उसने कहा कि हांगकांग के लोगों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।
Hong Kong faces growing international pressure over a controversial extradition bill that prompted violent street protestshttps://t.co/6aEAOetC9e
— AFP news agency (@AFP) June 13, 2019
📷 @AntAFP pic.twitter.com/fYIDibWUJN
ईयू ने कहा कि प्रस्तावित कानून का ‘‘हांगकांग, उसके लोगों, ईयू और विदेशी नागरिकों और हांगकांग में कारोबार को लेकर भरोसे पर संभावित दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।’’ ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने कहा कि यह जरूरी है कि प्रस्तावित कानून ब्रिटेन-चीन समझौते का उल्लंघन नहीं करे। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कहा कि वह प्रदर्शन का कारण समझ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदर्शनकारियों ने चीन में प्रत्यर्पण को अनुमति देने वाले विवादास्पद विधेयक से पीछे हटने के लिए सरकार को एक समय सीमा दी थी, जिसके समाप्त होने के कुछ समय बाद बुधवार को झड़पें शुरू हो गईं और विधेयक पर चर्चा को बाद की तारीख के लिए टालना पड़ गया।
भारत-चीन विवाद: संरा प्रमुख ने जताई उम्मीद, बोले- बातचीत के जरिए कम होगा तनाव
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 26, 2021 11:22
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भारत और चीनी सैनिकों के बीच 20 जनवरी को उत्तरी सिक्किम के ऊंचाई वाले नाकू ला इलाके में झड़प हुई हो गई थी। भारतीय सेना ने इसे ‘‘मामूली तनातनी’’ बताया था।
संयुक्त राष्ट्र। भारत और चीन के सैनिकों के बीच सिक्किम की सीमा पर हाल ही में हुई झड़प के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने उम्मीद जतायी है कि दोनों देशों में उत्पन्न तनाव को बातचीत के जरिये कम किया जाएगा। एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। गौरतलब है कि भारत और चीनी सैनिकों के बीच 20 जनवरी को उत्तरी सिक्किम के ऊंचाई वाले नाकू ला इलाके में झड़प हुई हो गई थी। भारतीय सेना ने इसे ‘‘मामूली तनातनी’’ बताया था।
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भारतीय सेना ने एक बयान में कहा था कि इसे निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत स्थानीय कमांडरों द्वारा सुलझा लिया गया। संयक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने सोमवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हम उम्मीद करते हैं कि सीमा पर जारी तनाव बातचीत के जरिए कम हो जाए।’’ दुजारिक से पूछा गया था कि क्या ‘‘भारत-चीन सीमा पर हुई हालिया झड़प’’ पर संयुक्त राष्ट्र सचिव या महासचिव कोई टिप्पणी करना चाहते हैं।
बाइडेन ने जर्मनी की चांसलर मर्केल से की बात, अटलांटिक पार गठबंधन को पुनर्जीवित करने की जताई इच्छा
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 26, 2021 10:43
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बयान में कहा गया है कि देशों के बीच रिश्तों को गहरा करने की इच्छा जताते हुए बाइडेन ने सामूहिक सुरक्षा और साझे लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर अटलांटिक पार गठबंधन को पुनर्जीवित करने का अपना इरादा व्यक्त किया।
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जर्मनी की चांसलर से सोमवार को फोन पर बात की और अटलांटिक पार गठबंधन को पुनर्जीवित करने की अपनी इच्छा जाहिर की। व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि दोनों नेता विदेश नीति की समान प्राथमिकताओं पर साथ मिलकर काम करने को सहमत हुए हैं जिसमें अफगानिस्तान, चीन, ईरान, रूस, यूक्रेन और पश्चिमी बलकान से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। बयान के मुताबिक, फोन पर बातचीत के दौरान दोनों नेता वैश्विक सहयोग की अहमियत पर सहमत हुए जिसमें बहुपक्षीय संगठनों के लिए अमेरिका द्वारा फिर से जताई गई प्रतिबद्धता, जलवायु परिवर्तन से निपटना, कोविड-19 को नियंत्रित करना, स्वास्थ्य सुरक्षा को बढ़ाना और स्थायी वैश्विक आर्थिक सुधार का लक्ष्य शामिल है।
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बयान में कहा गया है कि देशों के बीच रिश्तों को गहरा करने की इच्छा जताते हुए बाइडेन ने सामूहिक सुरक्षा और साझे लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर अटलांटिक पार गठबंधन को पुनर्जीवित करने का अपना इरादा व्यक्त किया। बीस जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद यह पांचवीं बार है जब बाइडेन ने किसी विदेशी नेता को फोन किया हो। इससे पहले, उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू, मेक्सिको के राष्ट्रपतिएंद्रेस मैनुएल लोपेज़ ओब्रादोर, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैंक्रों से फोन पर बात की थी।
अमेरिका की पहली महिला वित्त मंत्री होंगी जेनेटे येलन, फेडरल रिजर्व की रह चुकी हैं पूर्व अध्यक्ष
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 26, 2021 09:48
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सीनेट की 100 सीटों में से डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टियों के पास 50-50 सीटें हैं। उप राष्ट्रपति कमला हैरिस संसद के इस उच्च सदन की अध्यक्ष हैं और उनका वोट यहां डेमोक्रेट्स को बढ़त प्रदान करता है।
अमेरिकी सीनेट ने विख्यात अर्थशास्त्री जेनेट येलेन के अमेरिका की पहली महिला वित्त मंत्री बनने का रास्ता साफ कर दिया। सीनेट में सोमवार को पुष्टि की सुनवाई के दौरान येलेन के समर्थन में 84 तथा विरोध में 15 वोट पड़े। सीनेट की 100 सीटों में से डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टियों के पास 50-50 सीटें हैं। उप राष्ट्रपति कमला हैरिस संसद के इस उच्च सदन की अध्यक्ष हैं और उनका वोट यहां डेमोक्रेट्स को बढ़त प्रदान करता है।
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येलेन फेडरल रिजर्व की पूर्व अध्यक्ष रही हैं। उनके जल्द ही शपथ लेने की संभावना है। वह राष्ट्रपति जो बाइडेन के कैबिनेट की ऐसी तीसरी मंत्री हैं, जिनके नाम की पुष्टि सीनेट अब तक कर चुका है। अमेरिका के विदेश मंत्री पद के लिए नामित टॉनी ब्लिंकेन के नाम पर भी सीनेट की मोहर जल्द ही लगने की संभावना है।

