उत्तर कोरिया मुद्दे पर विचार करने के लिए सोल पहुंचे टिलरसन
दो दशकों से चले आ रहे प्रयास असफल रहने की घोषणा करने के एक दिन बाद अमेरिका के विदेश मंत्री टिलरसन उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया को विभाजित करने वाले असैन्यीकृत क्षेत्र पहुंचे।
सोल। प्योंगयांग की परमाणु संबंधी महत्वाकांक्षाओं को रोकने के लिए दो दशकों से चले आ रहे प्रयास असफल रहने की घोषणा करने के एक दिन बाद अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन आज उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया को विभाजित करने वाले असैन्यीकृत क्षेत्र पहुंचे। टिलरसन संकट प्रबंधन के लिए इस समय एशिया में हैं और बाद में दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति ह्वांग क्यो आन से संभवत: वार्ता करेंगे। इससे पहले चीन ने उन्हें उत्तर कोरियाई परमाणु गतिरोध का मुकाबला करने के लिए नया तरीका खोजने की चेतावनी दी थी।
टिलरसन जापान से दक्षिण कोरिया के ओसान एयरबेस पर उतरे जहां से उन्हें ब्लैकहॉक हेलीकॉप्ट के जरिए असैन्यीकृत क्षेत्र ले जाया गया। उन्होंने वहां दक्षिण कोरिया में देश की रक्षा के लिए तैनात 28,000 अमेरिकी सैन्य बलों के कमांडर से मुलाकात की। उन्होंने गुरुवार को तोक्यो में संकल्प लिया था कि वह चीन पर अपने पड़ोसी पर लगाम लगाने को लेकर दबाव बनाएंगे लेकिन जापानी अधिकारियों से मुलाकात के बाद बातचीत के दौरान उन्होंने प्योंगयांग के हालिया बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों द्वारा पैदा हुए खतरे से निपटने की योजना के बारे में कोई नई जानकारी नहीं दी। टिलरसन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह मानना अहम है कि उत्तर कोरिया को परमाणु निरस्त्रीकरण के बिंदु तक लेकर आने के पिछले 20 साल के राजनीतिक एवं कूटनीतिक प्रयास विफल रहे हैं।’’
वह शनिवार को चीन जाएंगे ताकि वह और कड़े प्रतिबंध लगाने का समर्थन करने के लिए उत्तर कोरिया के अहम कूटनीतिक संरक्षक एवं कारोबारी साझेदारी पर दबाव बना सकें। बीजिंग दक्षिण कोरिया में अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली की तैनाती को लेकर नाराज है। टिलरसन ने कहा, ‘‘बढ़ते खतरे को देखते हुए नया रूख अपनाए जाने की जरूरत है।’’ उन्होंने अहम क्षेत्रीय सहयोगियों जापान एवं दक्षिण कोरिया को समर्थन देने का वाशिंगटन का संकल्प दोहराया।
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