समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र समुद्री सुरक्षा के मामले पर समग्र दृष्टिकोण अपनाए: भारत

Time has come for UN to take a holistic approach on maritime security: India

भारत दो साल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है। भारत अगस्त के बाद अगले साल दिसंबर में परिषद की अध्यक्षता करेगा। तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत की विदेश नीति में समुद्री सुरक्षा हमेशा उच्च प्राथमिकता रही है।

संयुक्त राष्ट्र। भारत ने अगस्त महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता की जिम्मेदारी संभालने से पहले कहा कि अब समय आ गया है कि सुरक्षा परिषद समुद्री सुरक्षा के मामले को लेकर समग्र दृष्टिकोण अपनाए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘हम अगस्त में तीन मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे: समुद्री सुरक्षा, शांतिरक्षा और आतंकवाद से मुकाबला। हम अपनी अध्यक्षता में तीन मुख्य कार्यक्रमों के जरिए तीन विषयों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।’’ भारत एक अगस्त को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता की जिम्मेदारी संभालेगा।

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भारत दो साल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है। भारत अगस्त के बाद अगले साल दिसंबर में परिषद की अध्यक्षता करेगा। तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत की विदेश नीति में समुद्री सुरक्षा हमेशा उच्च प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित की है। हमारा मानना है कि अब समय आ गया है कि सुरक्षा परिषद समुद्री सुरक्षा के मामले पर समग्र दृष्टिकोण अपनाए। समुद्री सुरक्षा सबकी समृद्धि और अन्य सुरक्षा हितों की रक्षा करती है।’’ उन्होंने कहा कि समुद्री सुरक्षा के विषय पर ध्यान केंद्रित करना काफी महत्व रखता है क्योंकि ऐसा पहली बार होगा, जब संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष निकाय में इस मामले पर विशेष रूप से चर्चा होगी। तिरुमूर्ति ने उल्लेख किया कि सुरक्षा परिषद ने समुद्री सुरक्षा और समुद्री अपराध के विभिन्न पहलुओं पर प्रस्ताव पारित किए हैं, लेकिन हमें लगता है कि अब समय आ गया है कि इन्हें एक साथ लाया जाए और इन पर समग्र रूप से चर्चा की जाए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला भी भारत के लिए एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है, और नयी दिल्ली सुरक्षा परिषद में इस मामले पर पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा, हम हर प्रकार के आतंकवाद के कट्टर विरोधी हैं और मानते हैं कि आतंकवाद को किसी भी तरह सही नहीं ठहराया जा सकता।’’

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संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा अभियानों में सर्वाधिक बलों का योगदान देने वाले देशों में शामिल भारत अपनी अध्यक्षता में शांतिरक्षा के मामले पर भी ध्यान देगा और शांतिरक्षकों की रक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाने का पुरजोर समर्थन करेगा। तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘शांतिरक्षा में महिला शांतिरक्षकों की भागीदारी समेत हमारी अपनी लंबी और अग्रणी भागीदारी को देखते हुए शांतिरक्षा ऐसा मामला है जो हमारे दिल के करीब है।’’ स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि समुद्री सुरक्षा, शांतिरक्षा और आतंकवाद से मुकाबला संबंधी तीन विषयों पर केंद्रित भारत के मुख्य कार्यक्रमों के अलावा हर महीने उन विषयों पर अनिवार्य बैठकें भी होंगी जिन पर सुरक्षा परिषद चर्चा करती है।

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