पेड़ जलवायु परिवर्तन का मुकम्मल इलाज नहीं : अध्ययन

Trees
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जंगलों का भविष्य चाकू की धार पर है, जो दो बहुत महत्वपूर्ण ताकतों के बीच का युद्ध है : कार्बन डाइऑक्साइड के बढ़ते स्तर से पेड़ों को मिलने वाले फायदे और गर्मी, सूखा, आग, कीटनाशक तथा रोगजनकों जैसी जलवायु का सामना करने से पड़ने वाला दबाव।

(विलियम आर एल एंडेरेग, एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ इकोलॉजी, स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज, यूनिवर्सिटी ऑफ उटाह) सॉल्ट लेक सिटी (अमेरिका)| जब लोग जलवायु परिवर्तन को कम करने के तौर-तरीकों के बारे में बात करते हैं तो वे अक्सर अच्छे परिप्रेक्ष्य में पेड़ों का जिक्र करते हैं। वन पृथ्वी को गर्म करने वाली कार्बन डाइऑक्साइड की बड़ी मात्रा को अवशोषित कर लेते हैं, जो लोगों के जीवाश्म ईंधन जलाने से वातावरण में पैदा होती है।

यही वन जीवनदायिनी ऑक्सीजन गैस देते हैं। लेकिन यह अरबों डॉलर का सवाल है कि क्या पेड़ वैश्विक ताप वृद्धि को देखते हुए इस गति को बरकरार रख पाएंगे? तेजी से वनों में निवेश कर रही कंपनियों ने कहा कि पेड़ निरंतर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को खत्म करता है।

पत्रिका साइंस एंड इकोलॉजी लेटर्स में 12 मई 2022 को प्रकाशित दो अध्ययनों के नतीजों में ये नए सवाल उठाए गए हैं कि दुनिया भविष्य में तापमान वृद्धि के मद्देनजर कार्बन की बढ़ती मात्रा का भंडार करने को लेकर वनों पर कितना निर्भर कर सकती है। दोनों अध्ययनों में शामिल पारिस्थितिकी वैज्ञानिक एंडेरेग ने इसका जवाब दिया है।

नया अध्ययन पेड़ों तथा कार्बन को सोखने की उनकी क्षमता के बारे में हमें क्या बताता है? जंगलों का भविष्य चाकू की धार पर है, जो दो बहुत महत्वपूर्ण ताकतों के बीच का युद्ध है : कार्बन डाइऑक्साइड के बढ़ते स्तर से पेड़ों को मिलने वाले फायदे और गर्मी, सूखा, आग, कीटनाशक तथा रोगजनकों जैसी जलवायु का सामना करने से पड़ने वाला दबाव। धरती वैज्ञानिकों के अनुमान से कहीं ज्यादा गर्म हो रही है। हम जंगलों में आग लगने की घटनाएं देख रहे हैं और सूखे की वजह से जंगल अनुमान से पहले समाप्त हो जाते हैं।

जब ये पेड़ समाप्त हो जाते हैं तो कार्बन वापस वातावरण में चली जाती है। हम उन फायदों के सबूत भी देख रहे हैं कि पेड़ों को कार्बन डाइऑक्साइड के उच्च स्तर से मिलती है। पेड़ और जंगल सभी तरह की शानदार चीजें करते हैं - वे हवा और जल को स्वच्छ करते हैं और वे इमारती लकड़ी तथा पर्यटन और परागण के रूप में आर्थिक फायदा देते हैं। ऐसी बहस छिड़ी है कि वातावरण में अधिक कार्बन डाइऑक्साइड से पेड़ अधिक तेजी से वृद्धि करेंगे और कार्बन को सोख लेंगे। आपके अध्ययन से क्या पता चला? दो चीजें पेड़ों की वृद्धि को प्रभावित करती है : प्रकाश संश्लेषण, कि कैसे पेड़ सूर्य की रोशनी और कार्बन डाइऑक्साइड को भोजन में बदलते हैं और शाखाओं का विभाजन तथा विस्तार की प्रक्रिया।

लोग मानते हैं कि प्रकाश संश्लेषण लगभग हर जगह प्रभावी प्रक्रिया है, लेकिन हमें इसके मजबूत सबूत मिले हैं कि सूखे के प्रति अधिक संवेदनशील ये कोशिकीय प्रक्रियाएं वृद्धि को बढ़ाने या सीमित रखने के लिए अधिक जिम्मेदार हैं।

आपने भविष्य में पेड़ों के खत्म होने के खतरे के बारे में क्या सीखा है? एक अन्य अध्ययन में हमने पाया कि वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने का वन में लगने वाली आग, सूखा और कीटों से वनों को होने वाले नुकसान से बचने पर बड़ा असर पड़ सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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