फिर से एक बार कनाडा में ट्रूडो सरकार! लिबरल की वापसी के चांस लेकिन बहुमत से दूर, फिर से सिख नेता दिलाएंगे सत्ता?

Trudeau
अभिनय आकाश । Sep 21 2021 1:30PM

लिबरल पार्टी 148 सीट पर आगे है जबकि कंजरवेटिव पार्टी 103 सीटों पर आगे है, ब्लॉक क्यूबेकोइस 28 और वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी 22 सीटों पर आगे है। फिलहाल ऐसा प्रतीत नहीं होता कि ट्रूडो पर्याप्त सीटें जीत पाएंगे और अन्य पार्टियों के सहयोग के बिना किसी कानून को पारित करा पाएंगे।

कनाडा के मध्यावधि चुनाव के नतीजे आ गए और तमाम तरह की अटकलों पर भी विराम लग गया। जनता ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी को जीत दिलाई  है। ट्रूडो के दो साल पहले ही चुनाव कराने के फैसले पर उठते सवालों को चुनावी नतीजों के जरिये जवाब भी मिल गया है। एक बात जरूर है कि  लिबरल पार्टी ने किसी भी पार्टी की तुलना में सबसे अधिक सीटें हासिल की हैं। लेकिन वह पूर्ण बहुमत हासिल करने में विफल रहे हैं। लिबरल पार्टी 148 सीट पर आगे है जबकि कंजरवेटिव पार्टी 103 सीटों पर आगे है, ब्लॉक क्यूबेकोइस 28 और वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी 22 सीटों पर आगे है। फिलहाल ऐसा प्रतीत नहीं होता कि ट्रूडो पर्याप्त सीटें जीत पाएंगे और अन्य पार्टियों के सहयोग के बिना किसी कानून को पारित करा पाएंगे। लेकिन वह इतनी सीटें जरूर जीत जाएंगे उन्हें पद से हटाने का खतरा नहीं रहेगा।

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 170 के आंकड़े से अभी दूर

कनाडा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए किसी भी पार्टी को 38 फीसदी वोट्स की जरूरत होती है। ताकि संसद में बहुमत हासिल किया जा सके। कनाडा की संसद यानी हाउस ऑफ़ कॉमन्स में कुल 338 सीटें हैं और एक पार्टी को बहुमत की सरकार बनाने के लिए 170 सीटों की ज़रूरत होती है। इससे पहले जब साल 2019 में चुनाव हुए थे, तब भी ट्रूडो की पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। जिसके चलते कानून पारित करने के लिए अन्य दलों के समर्थन पर निर्भर रहना पड़ता था।

सिख नेता दिलाएंगे सत्ता

ट्रूडो ने 2015 के चुनाव में अपने दिवंगत पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो की लोकप्रियता का सहारा लिया और चुनाव में जीत हासिल की थी। फिर पार्टी का नेतृत्व करते हुए पिछले दो बार के चुनाव में उन्होंने अपने दम पर पार्टी को जीत दिलायी। फिलहाल ऐसा प्रतीत नहीं होता कि ट्रूडो पर्याप्त सीटें जीत पाएंगे। 2019 के चुनाव में लिबरल पार्टी बहुमत पाने में सफल नहीं हो पाई थी। उस वक्त जगमीत सिंह की  न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ने उन्हें समर्थन देकर सरकार में बनाने का मौका दिया था। 

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