ट्रंप प्रशासन बड़ी भारत-प्रशांत आर्थिक विकास पहलों की करेगा घोषणा
ट्रंप प्रशासन भारत-प्रशांत क्षेत्र की व्यापक बुनियादी ढांचा और ऊर्जा जरुरतों की पूर्ति के लिए अपनी बड़ी नीतिगत पहल सामने लाने वाला है। भारत को इस क्षेत्र में व्यापक कनेक्टिविटी एवं व्यापार के लिए अहम देशों में से एक के रुप में देखा जाता है।
वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन भारत-प्रशांत क्षेत्र की व्यापक बुनियादी ढांचा और ऊर्जा जरुरतों की पूर्ति के लिए अपनी बड़ी नीतिगत पहल सामने लाने वाला है। भारत को इस क्षेत्र में व्यापक कनेक्टिविटी एवं व्यापार के लिए अहम देशों में से एक के रुप में देखा जाता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने मंत्रिमंडल के शीर्ष सदस्यों- विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, वाणिज्य मंत्री विल्बुर रोज और ऊर्जा मंत्री रिक पेरी को अमेरिकी चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स में लगा दिया है जो कल भारत प्रशांत व्यापार मंच की पहली बैठक की मेजबानी करेगा।
मंच अमेरिका की ‘संपूर्ण भारत-प्रशांत सरकारी रणनीति’ के आर्थिक एवं वाणिज्यिक तत्वों को सामने रखेगा और उस बैठक में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, निजी क्षेत्र तथा भारत प्रशांत देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकारी हिस्सा लेंगे। इस कदम से महज नौ महीने पहले ट्रंप प्रशासन ने एक विशाल एशियाई देश की बाजार बिगाड़ने वाली नीतियों का खुलकर विरोध किया था जिससे भारत प्रशांत क्षेत्र के देशों की संप्रभुता के लिए खतरनाक है। भारत प्रशांत क्षेत्र अब विकास के इंजन के रुप में उभरा है।
संभावना है कि आगामी दशकों में वैश्विक जीडीपी का 50 फीसदी हिस्सा एशियाई अर्थव्यवस्थाओं का होगा। अमेरिका भारत व्यापार परिषद की अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने कहा कि इस संभावना को साकार करने के लिए भारत-प्रशांत क्षेत्र अपनी ऊर्जा और बुनियादी ढांचा जरुरतों के वित्तपोषण के लिए सरकार से नहीं बल्कि निजी क्षेत्रों से 26000 अरब डॉलर पूंजी आकर्षित करने की जरुरत होगी। अमेरिकी कंपनियां पूंजी निवेश करने और प्रौद्योगिकी एवं बुनियादी ढांचा का निर्माण करने में एक अहम भागीदार होंगी। अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना इस क्षेत्र के उन कुछ राजनयिकों में हैं जिन्होंने इस कार्यक्रम में संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया है।
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