आतंकवाद को समर्थन न दे पाक, अब खामोश नहीं रहेंगेः ट्रंप
ट्रंप ने कहा, ‘‘हम आतंकवादी संगठनों, तालिबान और क्षेत्र एवं इससे आगे भी खतरा पैदा करने वाले अन्य समूहों को पाकिस्तान द्वारा मुहैया कराई जा रही पनाहगाहों को लेकर अब खामोश नहीं रह सकते।’’
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान से अपने बलों की जल्दबाजी में वापसी की बात को नकारा और साथ ही पाकिस्तान को चेताया कि यदि वह आतंकवादी संगठनों को पनाह मुहैया कराना जारी रखता है तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे। ट्रंप ने युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने में भारत से भी और योगदान देने की अपील की तथा साथ ही भारत की इस संबंध में अब तक की भूमिका को सराहा।
ट्रंप ने देश को संबोधित करते हुए दक्षिण एशिया संबंधी अपनी नीति के बारे में कहा कि इसका ‘‘अहम हिस्सा’’ भारत के साथ अमेरिका की रणनीतिक साझीदारी को और विकसित करना है। ट्रंप का यह संबोधन प्राइम टाइम में टेलीविजन पर प्रसारित किया गया। उन्होंने कहा कि ‘‘समग्र समीक्षा’’ के बाद यह निर्णय लिया गया कि अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया में अमेरिकी रणनीति में नाटकीय बदलाव आएगा। ट्रंप ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान में हमारी नई रणनीति का अहम हिस्सा समय पर आधारित दृष्टिकोण को बदलकर परिस्थितियों पर आधारित नजरिया अपनाना है। मैंने यह पहले भी कई बार बताया है कि हम जिन तिथियों पर सैन्य अभियान शुरू करना या समाप्त करना चाहते हैं, उनकी घोषणा पहले से ही करना अमेरिका के लिए कितना गैर लाभकारी है।’’
ट्रंप ने अपने प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों और सभी पांचों सेवाओं के 2000 से अधिक लोगों के सामने दक्षिण एशिया संबंधी अपनी नीति की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘हम आगे की सैन्य गतिविधियों के लिए हमारी योजनाओं या बलों की संख्या के बारे में बात नहीं करेंगे।’’ ट्रंप ने आतंकवादी समूहों को समर्थन देना जारी रखने के लिए पाकिस्तान की निंदा की और उसे चेतावनी दी कि यदि वह ऐसा करना जारी रखता है तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम आतंकवादी संगठनों, तालिबान और क्षेत्र एवं इससे आगे भी खतरा पैदा करने वाले अन्य समूहों को पाकिस्तान द्वारा मुहैया कराई जा रही पनाहगाहों को लेकर अब खामोश नहीं रह सकते।’’
ट्रंप ने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘पाकिस्तान को अफगानिस्तान में हमारे प्रयास में साझीदार बनने से बहुत कुछ हासिल होगा। आतंकवादियों को शरण देना जारी रखने पर उसे बहुत कुछ खोना होगा।’’ अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत से अपील की कि वह अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता लाने के लिए, विशेषकर आर्थिक क्षेत्र में और योगदान दे। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत अमेरिका का अहम सुरक्षा एवं आर्थिक साझीदार है। ट्रंप ने कहा, ‘‘हम अफगानिस्तान में स्थिरता लाने में भारत के अहम योगदान की प्रशंसा करते हैं, लेकिन भारत अमेरिका के साथ व्यापार से अरबों डॉलर कमाता है और हम चाहते हैं कि वह अफगानिस्तान के संबंध में, खासकर आर्थिक सहयोग एवं विकास के क्षेत्र में हमारी और मदद करे।’'
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