क्या अब भी रिपब्लिकन पार्टी में अपना प्रभाव बनाए रखना चाहते है डोनाल्ड ट्रंप?

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अमेरिकी चुनावों में कथित रूसी हस्तक्षेप की जांच वाली खुफिया समिति के अध्यक्ष और ट्रंप के खिलाफ पहले महाभियोग का नेतृत्व करने वाले एडम शिफ भी उन्हें घेरने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिकी राजनीतिक मंच पर ट्रंप की उपस्थिति रही तो यह लोकतंत्र पर मंडरा रहे खतरे से कम नहीं होगा।

वाशिंगटन।अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी में अपना प्रभाव बनाए रखने की कोशिश जारी रखे हुए है और वह राष्ट्रपति पद के लिए बार फिर चुनाव मैदान में उतरने की मंशा रखते हैं। ट्रंप को राष्ट्रपति का पद छोड़े लगभग एक साल होने वाला है लेकिन वह अब भी अपने प्रभाव को बनाये रखने के प्रयासों में लगे हुए है। वहीं, अमेरिकी चुनावों में कथित रूसी हस्तक्षेप की जांच वाली खुफिया समिति के अध्यक्ष और ट्रंप के खिलाफ पहले महाभियोग का नेतृत्व करने वाले एडम शिफ भी उन्हें घेरने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिकी राजनीतिक मंच पर ट्रंप की उपस्थिति रही तो यह लोकतंत्र पर मंडरा रहे खतरे से कम नहीं होगा। शिफ ने सी-स्पैन के ‘बुक टीवी’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम देश को दिखाना चाहते हैं कि छह जनवरी को कैपिटल (संसद भवन) पर हमले की घटना कैसे हुई। हम बताना चाहते हैं कि कैसे हमारे निर्वाचन को लेकर फैलाए गए बड़े झूठ ने हजारों लोगों को अपनी ही सरकार पर हमले के लिए प्रोत्साहित किया।’’

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यह साक्षात्कार रविवार से एक सप्ताह तक कड़ियों में प्रसारित किया जाएगा। शिफ ने सवाल किया, ‘‘राष्ट्रपति को इस रैली की क्या जानकारी थी और जब उन्हें जानकारी मिली तो क्या किया? क्यों यह इतने लंबे समय तक चला? ऐसे में कई अहम सवाल हैं जिनके जवाब तलाशने बाकी है।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि ट्रंप के खिलाफ जांच कर रही समिति ‘ सटीक रिपोर्ट देगी’, ठीक वैसे ही जैसे 9/11 हमले पर गठित समिति ने 2001 में अमेरिका में हुए आतंकवादी हमले की विस्तृत जांच करने के बाद दी थी। वहीं ट्रंप ने कहा कि डेमोक्रेट ‘‘सत्ता के नशे’ में चूर हैं। उन्होंने अपने पूर्व कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों से कहा है कि वे समिति के बुलावे पर बयान देने नहीं जाए। पूर्व राष्ट्रपति अपने रुख पर अड़े हैं कि राष्ट्रपति नहीं होने पर भी उन्हें कार्यकारी विशेषाधिकार प्राप्त है।

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गौरतलब है कि समिति ने इस सप्ताह घोषणा की है कि अगर ट्रंप के पूर्व सलाहकार स्टीव बैनन समन का पालन नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ अवमानना के लिए समिति मतदान करेगी। ट्रंप ने एक बयान में कहा, ‘‘चरमपंथी वाम डेमोक्रेट रूस के नाम पर फर्जी मामला बनाने और फर्जी महाभियोग चलाने की कोशिश कर चुके हैं और अब एक बार फिर वे कांग्रेस का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों को प्रताड़ित करने के लिए कर रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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