दो भारतीय-अमेरिकियों ने जीता यूएस स्पेलिंग बी पुरस्कार
भारतीय मूल के दो अमेरिकी बच्चों ने आज विश्व प्रतिष्ठित स्पेलिंग बी प्रतियोगिता जीत ली है। इनमें से एक बच्चा इस प्रतियोगिता का सबसे युवा विजेता है।
वाशिंगटन। भारतीय मूल के दो अमेरिकी बच्चों ने आज विश्व प्रतिष्ठित स्पेलिंग बी प्रतियोगिता जीत ली है। इनमें से एक बच्चा इस प्रतियोगिता का सबसे युवा विजेता है। इसके साथ ही इस वार्षिक प्रतियोगिता में इस समुदाय का दबदबा कायम है। जयराम जगदीश हथवार और निहार साईंरेड्डी जंगा को अंतिम 10 प्रतिभागियों के बीच हुए कड़े मुकाबले के बाद संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया। इन 10 अंतिम प्रतिभागियों में से सात भारतीय मूल के थे। यह तीसरा साल है, जब इस प्रतियोगिता का नतीजा ड्रॉ के रूप में सामने आया और दो लोगों को संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया।
पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाला निहार टैक्सास से है और सातवीं में पढ़ने वाला जयराम न्यू यार्क से है। निहार इस प्रतियोगिता का सबसे युवा विजेता है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। अपने हाथ में ट्रॉफी थामे निहार ने कहा, ‘‘मेरे पास बोलने के लिए शब्द नहीं हैं। मैं कुछ नहीं कह सकता। मैं महज पांचवीं कक्षा में हूं।’’ अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को देते हुए उसने कहा, ‘‘मेरी मां..इसकी वजह सिर्फ मेरी मां हैं।’’ आठवीं में पढ़ने वाली कैलीफोर्निया की निवासी स्नेहा गणेश कुमार तीसरे स्थान पर रही हैं। पिछले साल वह चौथे स्थान पर सह-विजेता रही थीं।
अंतिम प्रतिभागियों में जो चार अन्य भारतीय-अमेरिकी शामिल हैं, उनमें रूत्विक गंधाश्री, श्रीनिकेत वोगोटी, जाशुन पालुरू और स्मृति उपाध्यायुला शामिल हैं। अंतिम से ठीक पहले के 24वें राउंड में निहार ने ‘जेसैलशाफ्ट’ की सही स्पेलिंग बताई जबकि जयराम ने ‘फेल्डेनक्रिएज़’ की सही स्पेलिंग बताई। जयराम ने अपनी सफलता का श्रेय अपने भाई श्रीराम को दिया, जो वर्ष 2014 में सह विजेता रहा था। उसने कहा, ‘‘उसने (भाई ने) स्पेलिंग बी जीता था। वह एक प्रेरणा था।’’ जयराम ने कहा कि यदि उसके भाई ने यह प्रतियोगिता न जीती होती तो वह इस मंच पर न होता। यह लगातार नौवां साल है, जब भारतीय मूल के अमेरिकी बच्चों ने इस प्रतिष्ठित स्पेलिंग प्रतियोगिता को जीता है। पिछले 16 साल में कुल 13 प्रतियोगिताएं इसी समुदाय के बच्चों ने जीती हैं। पिछले साल वन्या शिवशंकर और गोकुल वेंकटचलम सह विजेता रहे थे। वर्ष 2014 में श्रीराम हथवार और अंसुन सुजॉय को संयुक्त विजेता घोषित किया गया था।
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