UAE ने हिन्दू पिता और मुस्लिम मां की बेटी को दिया जन्म प्रमाणपत्र

uae-birth-certificate-given-to-daughter-of-hindu-father-and-muslim-mother

मीडिया में आई खबर के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) में प्रवासियों के लिए शादी के नियम के अनुसार, मुस्लिम पुरुष तो किसी गैर मुस्लिम महिला से शादी कर सकता है लेकिन मुसलमान महिला किसी गैर मुस्लिम व्यक्ति से विवाह नहीं कर सकती।

दुबई। संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने प्रवासियों के लिए शादी के नियमों से इतर भारत के एक हिन्दू व्यक्ति और मुस्लिम महिला की बेटी को जन्म प्रमाणपत्र दे दिया। मीडिया में आई खबर के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) में प्रवासियों के लिए शादी के नियम के अनुसार, मुस्लिम पुरुष तो किसी गैर मुस्लिम महिला से शादी कर सकता है लेकिन मुसलमान महिला किसी गैर मुस्लिम व्यक्ति से विवाह नहीं कर सकती।

इसे भी पढ़ें: देशद्रोह का मुकदमा झेल रहे मुशर्रफ 1 मई को लौटेंगे पाकिस्तान

खलीज टाइम्स की खबर के अनुसार शारजाह में रहने वाले किरण बाबू और सनम साबू सिद्दीकी ने 2016 में केरल में शादी की थी। उन्हें तब परेशानी का सामना करना पड़ा जब जुलाई 2018 में उनके यहां बेटी का जन्म हुआ। बाबू ने कहा कि मेरे पास अबु धाबी का वीजा है। मेरा वहां बीमा हो रखा है। मैंने अपनी पत्नी को अमीरात के मेदीवर 24X7 अस्पताल में भर्ती कराया। बेटी के जन्म के बाद, मेरे हिन्दू होने की वजह से जन्म प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया गया।

इसे भी पढ़ें: दुबई में रहने वाले भारतीय नहीं कर पाएंगे ऑनलाइन वोटिंग

उन्होंने कहा कि इसके बाद मैंने अदालत के जरिए अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया। इसके लिए चार महीने तक सुनवाई चली, मगर मेरे मामले को खारिज कर दिया गया। बाबू ने कहा कि उनकी बेटी के पास कोई कानूनी दस्तावेज नहीं था तो उनकी सारी उम्मीदें माफी मिलने पर टिक गईं। यूएई ने 2019 को ‘सहिष्णुता’ वर्ष के तौर पर घोषित किया है। इसके तहत यूएई सहिष्णु राष्ट्र की मिसाल पेश करेगा और अलग-अलग संस्कृतियों के बीच संवाद की कमी को पूरा करेगा तथा ऐसा माहौल बनाएगा जहां लोग एक-दूसरे को अपनाएं।

इसे भी पढ़ें: अबू धाबी की अदालतों में आधिकारिक भाषा बनी हिंदी, सुषमा ने किया स्वागत

बाबू ने कहा कि वे दिन काफी तनावपूर्ण थे और माफी ही एक उम्मीद थी। भारतीय दूतावास ने मदद की। उन्होंने बताया कि न्यायिक विभाग ने उनके मामले को एक अपवाद बनाया। बाबू फिर से अदालत गए और इस बार उनके मामले को मंजूरी मिल गई। दंपति को 14 अप्रैल को उनकी बेटी के जन्म का प्रमाणपत्र मिल गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़