ब्रिटेन द्वारा ईरानी तेल टैंकर को पकड़ना 2015 के परमाणु समझौते का उल्लंघन है: ईरान

uk-holds-an-iranian-oil-tanker-violation-of-2015-nuclear-deal-iran
[email protected] । Jul 29 2019 5:11PM

ईरान ने रविवार को कहा कि उसका मानना है कि ब्रिटेन द्वारा ईरानी तेल टैंकर को पकड़ना 2015 के परमाणु समझौते का उल्लंघन है। समझौते को बचाने के लिए इससे जुड़े शेष पक्षों की विएना में हुई बैठक में यह मुद्दा उठा। ब्रिटिश अधिकारियों ने जुलाई के शुरू में ईरान के एक तेल टैंकर को पकड़ लिया था और आरोप लगाया था कि यह सीरिया पर यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा था।

विएना। ईरान ने रविवार को कहा कि उसका मानना है कि ब्रिटेन द्वारा ईरानी तेल टैंकर को पकड़ना 2015 के परमाणु समझौते का उल्लंघन है। समझौते को बचाने के लिए इससे जुड़े शेष पक्षों की विएना में हुई बैठक में यह मुद्दा उठा। ब्रिटिश अधिकारियों ने जुलाई के शुरू में ईरान के एक तेल टैंकर को पकड़ लिया था और आरोप लगाया था कि यह सीरिया पर यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा था। जवाबी कार्रवाई में ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने 19 जुलाई को हरमुज जलडमरूमध्य में ब्रिटेन के झंडे वाले एक टैंकर को पकड़ लिया था जिस पर चालक दल के 23 सदस्य सवार थे।

इसे भी पढ़ें: ईरान ने जब्त टेंकर से 9 भारतीयों को रिहा किया, वी मुरलीधरन ने दी जानकारी

विएना बैठक में पहुंचे ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने पत्रकारों से बातचीत में टैंकर विवाद को संयुक्त समग्र कार्य योजना (जेसीपीओए) के नाम से जाने जाने वाले परमाणु समझौते से जोड़ा। उन्होंने कहा कि जेसीपीओए के तहत ईरान को तेल आयात करने का हक है और ईरान को तेल निर्यात करने से रोकने कोई भी कोशिश जेसीपीओए के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि ईरान के तेल निर्यात का मसला और अमेरिका के उसे पूरी तरह रोकने की कोशिश का मुद्दा भी बैठक में उठा।

इसे भी पढ़ें: अमेरिका के साथ तनाव खत्म करने के लिए पोम्पिओ ‘खुशी-खुशी’ जाएंगे ईरान

अरागची ने कहा कि मेरे खयाल से माहौल रचनात्मक था और चर्चा अच्छी रही। मैं नहीं कह सकता कि हम सबकुछ हल कर देंगे। ऑस्ट्रिया की राजधानी में हुई इस बैठक में ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन, रूस और ईरान के प्रतिनिधि शामिल हुए। चीन के प्रतिनिधि मंडल के प्रमुख फू कॉन्ग ने कहा कि रविवार की वार्ता ‘अच्छे’ और ‘पेशेवर’ माहौल में हुई, लेकिन भागीदारों के बीच कुछ ‘तनावपूर्ण क्षण’ भी हुए। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल अमेरिका के इस समझौते से अलग होने की घोषणा की और इस्लामी गणतंत्र पर प्रतिबंध लगा दिए, जिसके बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया। इस समझौते का मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नियंत्रण करना था। रविवार की बैठक के बाद अरागची ने कहा कि जीसीपीओए के शेष पक्ष चाहते हैं कि फिर से मंत्री स्तर की बैठक ‘जल्द से जल्द’हो लेकिन इस बाबत कोई तारीख तय नहीं की गई है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़