ब्रिटेन के सांसदों ने प्रधानमंत्री टेरेसा मे के ब्रेक्जिट समझौते को संसद में खारिज किया
ब्रिटिश संसद से इस समझौते को मंजूरी मिल जाने पर सभी संबंधित कानूनों को पारित कराने के लिये 22 मई तक का वक्त मिल जाता। यह अहम मतदान ऐसे दिन हुआ जब ब्रिटेन को पहले के कार्यक्रम के हिसाब से शुक्रवार को यूरोपीय संघ से बाहर हो जाना था।
लंदन। ब्रिटेन के सांसदों ने प्रधानमंत्री टेरेसा मे द्वारा संसद में प्रस्तावित ब्रेक्जिट समझौते को तीसरी बार शुक्रवार को खारिज कर दिया। इससे ब्रिटेन की यूरोपीय संघ से अलग होने की योजना में अव्यवस्था पैदा हो गई है। इस बीच, यूरोपीय संघ ने शुक्रवार को अपने नेताओं की आपात बैठक बुलाई और चेतावनी दी कि ब्रिटेन के अब बिना ब्रेक्जिट समझौते के सूमह से बाहर निकलने की संभावना है। सांसदों ने हाउस ऑफ कॉमन्स में ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से तथाकथित अलग होने की शर्तों को 286 के बदले 344 मतों से खारिज कर दिया।
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ब्रिटिश संसद से इस समझौते को मंजूरी मिल जाने पर सभी संबंधित कानूनों को पारित कराने के लिये 22 मई तक का वक्त मिल जाता। यह अहम मतदान ऐसे दिन हुआ जब ब्रिटेन को पहले के कार्यक्रम के हिसाब से शुक्रवार को यूरोपीय संघ से बाहर हो जाना था। हालांकि, यूरोपीय संघ के नेताओं ने ब्रिटेन को बाद में इसके लिये और वक्त दे दिया। यूरोपीय संघ के अनुसार, ब्रिटेन को 12 अप्रैल तक ईयू से अलग होने के लिये वैकल्पिक प्रस्ताव पेश करना है।
चूंकि सांसदों ने एक बार फिर प्रधानमंत्री के प्रस्ताव को खारिज कर दिया इसलिये प्रधानमंत्री को अब 12 अप्रैल तक नयी योजना पेश करनी होगी। टेरेसा मे ने कहा था कि अगर उनकी ब्रेक्जिट योजना संसद से पारित हो गई तो वह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगी। मतदान के नतीजे पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री मे ने सांसदों से कहा, ‘‘सदन के फैसले के परिणाम गंभीर हैं। मुझे डर है कि हम सदन में इस प्रक्रिया की सीमा पर पहुंच रहे हैं। यह सरकार व्यवस्थित ब्रेक्जिट के लिये दबाव जारी रखेगी, जो जनमत संग्रह की मांगों का नतीजा है।’’ उन्होंने कहा कि सांसद वैकल्पिक प्रस्ताव पर अगले सप्ताह चर्चा करेंगे।
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मतदान के नतीजे पर प्रतिक्रिया देते हुए यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘हाउस ऑफ कॉमन्स द्वारा यूरोपीय संघ से अलग होने के समझौते को खारिज किये जाने के मद्देनजर मैंने 10 अप्रैल को यूरोपीय परिषद की बैठक बुलाने का फैसला किया है।’’ हाउस ऑफ कॉमन्स के प्रधानमंत्री टेरेसा मे की ओर से प्रस्तावित ब्रेक्जिट समझौते को खारिज किये जाने के तुरंत बाद यूरोपीय परिषद के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले सप्ताह किये गए फैसले के अनुरूप ब्रेक्जिट को 12 अप्रैल तक टाला जाएगा।
उम्मीद है कि प्रधानमंत्री टेरेसा मे उससे पहले व्यवस्थित ब्रेक्जिट के लिये एक वैकल्पिक योजना तैयार करेंगी और उनसे आपात बैठक में यूरोपीय संघ के 27 सहयोगियों के सामने उसे रखने को कहा जाएगा। परिषद के एक सूत्र ने बताया, ‘‘हम ब्रिटेन से अपेक्षा रखते हैं कि वह तब तक आगे के रास्ते का संकेत देगा ताकि यूरोपीय परिषद उसपर विचार करे।’’ ब्रिटिश प्रधानमंत्री मे को बैठक की शुरुआत में आमंत्रित किया जाएगा। यूरोपीय आयोग की एक प्रवक्ता ने लंदन पर व्यवस्थित ब्रेक्जिट के लिये एक योजना के साथ आने के लिये दबाव बढ़ा दिया, अन्यथा उसे बिना समझौते के ही अचानक से यूरोपीय संघ से बाहर निकलना होगा।
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उन्होंने कहा, ‘‘12 अप्रैल को कोई समझौता नहीं होने का परिदृश्य अब एक संभावना है। यूरोपीय संघ दिसंबर 2017 से इसकी तैयारी कर रहा है और 12 अप्रैल की मध्यरात्रि को बिना समझौते वाले परिदृश्य के लिये अब पूरी तरह तैयार है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ईयू एकजुट रहेगा। अलग होने के संबंध में समझौते के लाभ को किसी भी परिस्थिति में कोई समझौता नहीं होने की स्थिति में नहीं दिया जाएगा। क्षेत्रवार लघु समझौता विकल्प नहीं है।’’ इन लाभों में परिवर्तन अवधि भी शामिल है।
अतीत में हाउस ऑफ कॉमन्स ने दो बार यूरोपीय संघ से अलग होने के प्रधानमंत्री मे की योजना को बड़े अंतर से खारिज कर दिया था।
मे ने अपनी ही कंजरवेटिव पार्टी के भीतर से दबाव के आगे झुकते हुए बुधवार को पेशकश की थी कि अगर सांसद उनके ब्रेक्जिट समझौते को पारित करा देते हैं तो वह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगी। मतदान के कुछ घंटे पहले लंदन के मेयर सादिक खान ने सांसदों से आह्वान किया कि वे मे की ईयू से बाहर निकलने की ब्रेक्जिट योजना को खारिज कर दें और बेहतर शर्तों के साथ नए समझौते के लिये बात करें। जून 2016 में जनमत संग्रह में ब्रेक्जिट के पक्ष में तकरीबन 52 फीसदी मत पड़ने के बाद ब्रिटेन ने लिस्बन संधि के अनुच्छेद 50 का इस्तेमाल किया था।
British lawmakers on Friday voted to reject Prime Minister Theresa May's Brexit deal for a third time. The country now faces the prospect of leaving the EU on April 12 without a deal pic.twitter.com/5r1qxR864v
— China Xinhua News (@XHNews) March 30, 2019
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