संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने श्रीलंका की राजनीतिक स्थिति पर चिंता जतायी

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[email protected] । Nov 11 2018 12:40PM

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा देश की संसद भंग करने के फैसले पर चिंता जताई है। उन्होंने श्रीलंका में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का सम्मान करने और कानून के अनुसार विवाद हल करने के महत्व पर जोर दिया।

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा देश की संसद भंग करने के फैसले पर चिंता जताई है। उन्होंने श्रीलंका में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का सम्मान करने और कानून के अनुसार विवाद हल करने के महत्व पर जोर दिया। श्रीलंका का राजनीतिक संकट शुक्रवार को उस वक्त और बढ़ गया जब राष्ट्रपति सिरिसेना ने संसद को भंग कर दिया और पांच जनवरी को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा कर दी क्योंकि यह लगने लगा था कि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को सदन में पर्याप्त समर्थन नहीं मिलेगा।

महासचिव गुतारेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने शनिवार को यहां जारी एक बयान में बताया कि महासचिव ने सिरिसेना के श्रीलंका की संसद को भंग करने और समय से पहले ही संसदीय चुनाव कराने के फैसले को लेकर चिंता व्यक्त की है। गुतारेस ने श्रीलंका में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं एवं संस्थानों का सम्मान करने और कानून के मुताबिक समस्याओं को हल करने के महत्व को रेखांकित किया।

उन्होंने एकबार फिर से श्रीलंकाई सरकार से सभी देशवासियों के लिए शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने और मानवाधिकार, न्याय और सुलह के प्रति अपनी वचनबद्धता को बनाए रखने की अपील की है। गौरतलब है कि श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने 26 अक्टूबर को प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया था और उनकी जगह पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था। इस घटना से श्रीलंका में राजनीतिक उथल-पुथल के हालात पैदा हो गए, जिसके कारण पूरा देश घोर राजनीतिक संकट में फंस गया है।

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