संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने म्यामांर से रोहिंग्या की ‘सुरक्षित’ वापसी का किया आग्रह

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[email protected] । Nov 3 2019 4:29PM

उनके संबोधन के दौरान म्यांमा की नेता सू की, भी वहां मौजूद थीं । वर्ष 2017 में रखाइन प्रांत में हिंसा के कारण सात लाख 40 हजार रोहिंग्या को देश छोड़कर पड़ोस के बांग्लादेश में शरणार्थी कैंपों में पनाह लेनी पड़ी ।

बैंकाक, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने म्यामां से सैन्य अभियानों में निकाले गए रोहिंग्या शरणार्थियों की ‘सुरक्षित’ वापसी सुनिश्चित करने का रविवार को आग्रह किया। रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ चलाए गए अभियान के दो साल से ज्यादा समय बाद वहां की नेता आंग सान सू की के सामने ये अनुरोध किया गया। बैंकाक में दक्षिण पूर्व एशियाई नेताओं के एक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वह रोहिंग्या की दुर्दशा पर बहुत चिंतित हैं ।

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उनके संबोधन के दौरान म्यांमा की नेता सू की, भी वहां मौजूद थीं । वर्ष 2017 में रखाइन प्रांत में हिंसा के कारण सात लाख 40 हजार रोहिंग्या को देश छोड़कर पड़ोस के बांग्लादेश में शरणार्थी कैंपों में पनाह लेनी पड़ी । संयुक्त राष्ट्र के जांच अधिकारियों ने रोहिंग्या के खिलाफ सेना के अभियान को नरसंहार बताया था । म्यामां रोहिंग्या को अपना नागरिक नहीं मानता है । 

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गुतारेस ने कहा कि म्यामां की जिम्मेदारी है कि वह शरणार्थियों की सुरक्षित, गरिमापूर्ण और स्थायी वापसी के लिए अनुकूल माहौल बनाए । संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार समूहों, वैश्विक नेताओं के लगातार अनुरोधों के बावजूद रोहिंग्या के प्रति म्यामां का रूख नहीं बदल रहा है ।

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