हूती विद्रोहियों ने यमन के नौ लोगों की हत्या की, UN, अमेरिका और ब्रिटेन ने की निंदा

UN, US and UK condemn

हूती विद्रोहियों द्वारा यमन के नौ लोगों की हत्या कर डाली। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और ब्रिटेन ने इसकी निंदा की है।संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि जिस कार्रवाई के तहत इन नौ लोगों की हत्या की गई वह ‘‘ निष्पक्ष ’’ नहीं थी।

सना (यमन)।संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और ब्रिटेन ने हूती विद्रोहियों द्वारा यमन के नौ लोगों की हत्या की रविवार को निंदा की। संगठन का कहना है कि ये लोग तीन साल से अधिक समय पहले सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन के हवाई हमले में हूती के एक वरिष्ठ अधिकारी की हत्या में शामिल थे। विद्रोहियों के कब्जे वाली राजधानी सना में इन सभी नौ लोगों को सार्वजनिक तौर पर गोली मार दी गयी। ईरान समर्थक हूती विद्रोहियों ने बाद में इनकी तस्वीरें भी वितरित कीं। इस दौरान सैकड़ों लोग वहां मौजूद थे, जिनमें से अधिकतर हूती समर्थक थे। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि जिस कार्रवाई के तहत इन नौ लोगों की हत्या की गई वह ‘‘ निष्पक्ष ’’ नहीं थी।

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संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि महासचिव ने उन हत्याओं को लेकर दुख व्यक्त किया है, जिसके कारण सना सहित पूरे यमन में आक्रोश है, जहां लोग आमतौर पर प्रतिशोध के डर से हूती समुदाय के लोगों की निंदा करने से बचते हैं। हूती की सर्वोच्च क्रांतिकारी परिषद के प्रमुख विद्रोही नेता मोहम्मद अली अल-हूती ने ट्वीट किया कि उन्होंने विद्रोही नियंत्रित न्यायपालिका के लिए संयुक्त राष्ट्र की चुनौती को खारिज कर दिया है। अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, विद्रोहियों ने अप्रैल 2018 में सालेह अल-समद की हत्या के लिये 60 लोगों को आरोपी बनाया है, जिसमें ये नौ लोग शामिल थे।

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हूती ने नौ लोगों के खिलाफ सउदी अरब की अगुवाई वाले गठबंधन के लिये जासूसी करने का आरोप लगाया था, जो यमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को सत्ता में वापस लाने के प्रयास में वर्षों से विद्रोहियों के खिलाफ युद्ध छेड़ रहा है। अल-समद हूती समर्थित राजनीतिक संगठन का अध्यक्ष था। सउदी अरब की अगुवाई वाले गठबंधन के हवाई हमले में अल-समद अपने छह साथियों के साथ मारा गया था। यमन में अमेरिका की शीर्ष राजनयिक कैथी वेस्टली ने मारे गए लोगों कों ‘‘ वर्षों तक प्रताड़ित करने और उनके खिलाफ दुर्व्यवहार’’ के बाद सुनवाई को ‘‘दिखावा’’ बताया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह अपमानजनक कार्रवाई बुनियादी मानवाधिकारों के प्रति हूती उदासीनता का एक और उदाहरण है ... इस बर्बरता को समाप्त होना चाहिए।’’ यमन में ब्रिटेन के दूतावास ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि यह निष्पक्ष सुनवाई और उचित प्रक्रिया के लिए ‘‘घोर अवहेलना।’’ इन नौ लोगों में 17 साल का एक किशोर भी शामिल था, जिसे समद के मारे जाने के कुछ महीनों बाद गिरफ्तार किया गया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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