यूनिसेफ ने सीरियाई शरणार्थी को बनाया अपना सद्भावना दूत
यूनिसेफ ने अपनी सबसे कम उम्र की सद्भावना दूत की नियुक्ति की घोषणा की है। सबसे युवा सद्भावना दूत मुजून अलमेल्लेहान सीरिया की शरणार्थी और शिक्षा कार्यकर्ता हैं।
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र की बच्चों के लिए काम करने वाली एजेंसी ने अपनी सबसे कम उम्र की सद्भावना दूत की नियुक्ति की घोषणा की है। सबसे युवा सद्भावना दूत मुजून अलमेल्लेहान सीरिया की शरणार्थी और शिक्षा कार्यकर्ता हैं। यूनिसेफ के कार्यकारी उप निदेशक जस्टिन फोर्सिथ ने कहा कि मुजून पहली सद्भावना दूत हैं और उनके पास शरणार्थी होने का आधिकारिक दर्जा है।
यूनिसेफ ने कहा कि जॉर्डन के जातारी शरणार्थी शिविर में रहने के दौरान मुजून को एजेंसी का समर्थन मिला था। मुजून ने बताया कि अपने साथ स्कूल की किताबों को लेकर वह सीरिया से भाग निकली थी। मुजून ने कहा, 'शरणार्थी होने की वजह से मैंने देखा है कि जब बच्चों को समयपूर्व विवाह में धकेल दिया जाता है या बाल श्रमिक बनाया जाता है तो उनके साथ क्या होता है।' उन्होंने कहा कि यूनिसेफ के साथ काम करते हुए वह ऐसे बच्चों को आवाज देने और उन्हें स्कूल में दाखिल करवाने में मदद देंगी।
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