अमेरिका ने चीन में धार्मिक समूहों के दमन पर चिंता प्रकट की
अमेरिका ने शुक्रवार को चीन पर धार्मिक समूहों खासकर ईसाइयों, तिब्बतियों और उइगुर मुसलमानों का दमन करने का आरोप लगाया जबकि चीन ने उससे उसके अंदरुनी मामलों में दखल बंद करने को कहा।
वाशिंगटन। अमेरिका ने शुक्रवार को चीन पर धार्मिक समूहों खासकर ईसाइयों, तिब्बतियों और उइगुर मुसलमानों का दमन करने का आरोप लगाया जबकि चीन ने उससे उसके अंदरुनी मामलों में दखल बंद करने को कहा। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने यात्रा पर आए चीन के रक्षा मंत्री जनरल वी फेंगे और विदेश मामलों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के निदेशक यांग जीची के साथ भेंटवार्ता के दौरान यह मुद्दा उठाया।
दोनों चीनी नेताओं ने इन आरोपों से इनकार किया और ट्रंप प्रशासन से चीन के अंदरुनी मामलों में दखल बंद करने को कहा। पोम्पिओ ने मैटिस और चीनी नेताओं के साथ यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैंने कहा कि अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय धार्मिक समूहों और ईसाइयों, बौद्धों और 8,00,000 से लेकर संभवत: दसियों लाख मुसलमानों पर चीन के दमन के संदर्भ में अपनी चिंता करता रहेगा क्योंकि इन समुदायों को अपने अधिकारों से वंचित किया गया है। यांग ने तत्काल अमेरिका के इन आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा,‘‘चीन मानवाधिकारों का सम्मान करता है, अन्य देशों को भी ऐसा करना चाहिए। जैसा राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा है, मानवाधिकारों में सुधार की सदैव गुजाइंश है।’’
उन्होंने कहा कि चीन में सभी को धर्म मानने या नहीं मानने की छूट है। सभी चीनी नागरिक हैं। यांग ने कहा, ‘‘उनके मानवाधिकारों का पूरा सम्मान किया जाता है और उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाती है। हमारी उम्मीद है कि अमेरिका इस तथ्य का सम्मान करें।’’उन्होंने कहा, ‘‘सब मिला कर, चीन और अमेरिका को परस्पर सम्मान के आधार पर संवाद बढ़ाना चाहिए और अपने मामलों से निपटने के लिए काम करना चाहिए।’’।
तिब्बतियों और उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकार उल्लंघन के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में पोम्पिओ ने कहा कि जब मानवाधिकारों की बात आती है तो अमेरिका दोटूक अपनी बातें कहता है। ‘‘हम चीन समेत सभी देशों से कहते हैं।’’।
यांग ने कहा कि झिनजियांग प्रांत से जुड़े मामले चीन के अंदरुनी विषय है और किसी भी देश को इसमें दखल देने का हक नहीं है।
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