अमेरिका ने चीन पर लगाए नई शुल्क दरों को स्थगित रखने पर सहमति जताई
दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के प्रमुखों के बीच यह बातचीत यहां जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान अलग से हुई। पूरी दुनिया की निगाहें इस मुलाकात पर थीं।
ओसाका। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि चीन के उनके समकक्ष शी चिनफिंग के साथ शनिवार को हुई ‘‘उत्साहवर्धक’’ मुलाकात के बाद चीन के साथ व्यापार मुद्दों को लेकर बातचीत फिर से पटरी पर लौट आई है। समझा जाता है कि वाशिंगटन ने नई शुल्क दरों को अमल में लाने को फिलहाल स्थगित रखने पर सहमति जताई है। दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के प्रमुखों के बीच यह बातचीत यहां जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान अलग से हुई। पूरी दुनिया की निगाहें इस मुलाकात पर थीं।
#BREAKING Trump confirms won't impose new tariffs on China pic.twitter.com/bKuRvNo9yd
— AFP news agency (@AFP) June 29, 2019
ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी के साथ हुई मुलाकात के बाद कहा कि हमारी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बहुत अच्छी बैठक हुई।’’ बल्कि उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि यह बैठक ‘‘अति उत्तम’’ रही। बातचीत फिर से पटरी पर लौट आई है।’’ हालांकि, ट्रंप ने बातचीत के बारे में अधिक ब्योरा नहीं दिया। दोनों पक्ष बाद में आधिकारिक वक्तव्य जारी करेंगे लेकिन चीन की सरकारी मीडिया ने कहा है, वाशिंगटन ने इस बात को लेकर प्रतिबद्धता जताई है कि वह बीजिंग के निर्यात पर कोई नया शुल्क नहीं लगायेगा और दोनों पक्ष व्यापार मुद्दों को लेकर बातचीत फिर से शुरू करने पर सहमत हुये हैं।
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अमेरिका और चीन के बीच बातचीत का यह परिणाम काफी सकारात्मक देखा जा रहा है। विशेषज्ञ बातचीत को लेकर काफी सतर्क थे। उनका मानना था कि मुलाकात में कोई पूरा समझौता होना मुश्किल है लेकिन एक- दूसरे के निर्यात पर शुल्क लगाने की कार्रवाई पर रोक लग सकती है। यह सकारात्मक कदम होगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जी20 शिखर सम्मेलन के लिये जापान पहुंचने के बाद से ही उनका मिजाज बदला हुआ था। हालांकि, इससे पहले ओसाका, जापान के लिये रवाना होने से पहले उनके तेवर काफी तीखे थे। जापान पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि वह चीन के साथ ऐतिहासिक समझौता करने के लिये तैयार हैं। शी ने इस दौरान कहा कि टकराव के बजाय बातचीत बेहतर रास्ता है।
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दोनों नेताओं के बीच बातचीत का ब्योरा फिलहाल उपलब्ध नहीं हुआ है। इस बारे में भी जानकारी नहीं है कि दोनों नेताओं के बीच चीन की दूरसंचार कंपनी हुवावेई का मुद्दा उठा अथवा नहीं। उल्लेखनीय है कि वाशिंगटन ने सुरक्षा चिंताओं को लेकर चीन की इस कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीन चाहता है कि व्यापार मुद्दों में बनने वाली सहमति के तहत इस कंपनी से भी प्रतिबंध उठाया जाना चाहिये।
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