अमेरिका बस हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भागीदारी चाहता है ना कि प्रभुत्व: पोम्पिओ
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने आज कहा कि उनका देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझेदारी चाहता है ना कि प्रभुत्व जमाना।
वाशिंगटन। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने आज कहा कि उनका देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझेदारी चाहता है ना कि प्रभुत्व जमाना। पोम्पिओ ने कई विकासात्मक पहलों का उद्घाटन करते हुए यह बयान दिया जिन्हें कई विशेषज्ञ क्षेत्र में चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड’ नीति की काट के तौर पर देख रहे हैं। हालांकि पोम्पिओ ने इससे इनकार किया है।पोम्पिओ ने सीएनबीसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमारा मानना है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के कदमों से क्षेत्र में सभी देशों को फायदा मिलेगा।
हम इसे मुक्त और खुला बनाना चाहते हैं। हमारी नजर प्रभुत्व जमाने पर नहीं है बल्कि साझेदारी पर है। हम चाहते हैं कि अमेरिका के निजी क्षेत्र की अगुवायी वाली ये वाणिज्यिक परियोजनाएं ऐसी हो जिससे पूरे क्षेत्र और विश्व को लाभ मिले।’’ओबीओआर परियोजनाओं में शामिल देशों पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कुछ देश इसे लेकर खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय से हिंद-प्रशांत क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण हो गया है और ट्रंप प्रशासन इसे बेहद गंभीरता से ले रहा है।
इससे पहले पोम्पिओ ने ट्रंप प्रशासन की हिंद-प्रशांत नीति के आर्थिक और वाणिज्यिक स्तंभों का उद्घाटन किया। यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स में अमेरिकी उद्योगपतियों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सतत, वित्तीय रूप से जिम्मेदार आर्थिक भविष्य सुनिश्चित करने में देश के निजी क्षेत्र की अहम भूमिका पर जोर दिया।
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