अफगानिस्तान में अगले साल तक सैनिक रखेगा अमेरिका
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान से इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह को खदेड़ने के लिए वहां बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिकों को तैनात रखने का फैसला किया है।
वाशिंगटन। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान से इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह को खदेड़ने के लिए वहां बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिकों को तैनात रखने का फैसला किया है। ओबामा ने गुरुवार को कहा, ‘‘अफगानिस्तान में, हमारे बलों की मौजूदा स्थिति को बरकरार रखने के मेरे फैसलों के पीछे की एक वजह यह है कि इससे हम वहां आईएसआईएल (आईएसआईएस) की मौजूदगी को लगातार खत्म कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले माह अफगानिस्तान में आईएसआईएल के एक शीर्ष नेता उमर खलीफा को मार गिराकर हमने एक और बड़ा झटका दिया।’’ हाल ही में ओबामा ने घोषणा की थी कि उनका इरादा अफगानिस्तान में अगले साल जनवरी तक 8500 अमेरिकी सैनिकों को तैनात रखने का है। इससे पहले 5500 सैनिकों को रखने का फैसला किया गया था। ओबामा ने कहा कि जब भी आतंकी हमला होता है, उन्हें निराशा महसूस होती है क्योंकि वे उन सभी हमलों को रोकना चाहते हैं।
ओबामा ने कहा, ‘‘मेरी चिंता सिर्फ यूरोप या अमेरिका में होने वाले हमलों के ही लिए नहीं है बल्कि जब आप लेबनान, इराक या अफगानिस्तान या दुनिया के सुदूर इलाकों में हमलों की खबरें पढ़ते हैं..जिन पर ज्यादा ध्यान नहीं जाता, मैं उन पर भी ध्यान देता हूं।’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि वह किसी का बच्चा, किसी की मां है। वह कोई ऐसा व्यक्ति हो सकता है, जो अपने काम पर जा रहा था और किसी के पागलपन में वह मारा जाता है। मैं इसके प्रति उदासीन नहीं हूं। जब भी और जहां भी ऐसा कुछ होता है, यह मुझे परेशान करता है।’’ ओबामा ने कहा, ‘‘मैं कहना चाहूंगा कि मेरे आठ साल के कार्यकाल के दौरान हम आतंकवाद को पूरी तरह खत्म कर सकते थे। इस बात में कोई हैरानी नहीं है कि ऐसा नहीं हो सका। मैं यह उम्मीद भी नहीं करता कि यह मेरे बाद राष्ट्रपति बनने वाले लोगों के कार्यकाल में हो जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ सैन्य रणनीति की ही नहीं बल्कि एक पारंपरिक आतंकवाद-रोधी रणनीति की जरूरत है। एक ऐसी रणनीति जो इन नेटवर्कों को नष्ट करने के लिए, इन लोगों द्वारा हमले बोले जाने से पहले ही इन्हें पकड़ लिए जाने पर आधारित हो। ओबामा ने कहा कि इसके लिए हमें दुनियाभर में अपने सहयोगियों से और अधिक सहयोग की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका और उसके सहयोगियों को इन हमलों के पीछे की विचारधारा को खत्म करने के लिए बेहतर काम करना है।
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