फिलीपीन में ज्वालामुखी विस्फोट का अलर्ट, 50 हजार फीट तक पहुंचा राख और धुआं

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[email protected] । Jan 13 2020 11:40AM

फिलीपीन की राजधानी मनीला के नजदीक सोमवार को एक ज्वालामुखी से राख और धुंआ निकलने के कारण अलर्ट घोषित किया गया है। विमानन अधिकारियों ने राख के बादल के 50,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद मनीला स्थित नीनॉय एक्वीनो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सभी उड़ानों को रविवार को स्थगित करने का आदेश दिया।

तालिसे शहर। फिलीपीन की राजधानी मनीला के नजदीक सोमवार को एक ज्वालामुखी से राख और धुंआ निकलने के कारण इसमें विस्फोट होने की ‘‘आशंका’’ के कारण अलर्ट घोषित किया गया है और इसके कारण सैंकड़ों विमान सेवाएं प्रभावित हुई हैं। ताल ज्वालामुखी से राख निकलने, भूंकप के झटकों और गर्जन की आवाज के मद्देनजर आस पास के इलाके को खाली कराया जा रहा है। ताल के आस पास के क्षेत्र में स्कूलों, सरकारी कार्यालयों और फिलीपीन स्टॉक एक्सचेंज को सोमवार को एहतियातन बंद रखा गया।

विमानन अधिकारियों ने बताया कि वे मनीला के नीनॉय एक्वीनो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमान सेवाएं बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। ये सेवाएं ज्वालामुखी से निकल रही राख के कारण विमानों को खतरे के कारण रविवार को रोक दी गई थीं। अभी तक करीब 240 उड़ान रद्द की गई हैं। फिलीपीन की भूकंप एजेंसी ने रविवार को चेतावनी दी ‘‘कुछ घंटों या आने वाले दिनों मेंज्वालामुखी में घातक विस्फोट हो सकता है और इससे निकलने वाली राख से वहां से उड़ने वाले विमानों को खतरा हो सकता है।’’

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विमानन अधिकारियों ने राख के बादल के 50,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद मनीला स्थित नीनॉय एक्वीनो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सभी उड़ानों को रविवार को स्थगित करने का आदेश दिया। सरकार के भूकंप विशेषज्ञों ने पाया है कि लावा ताल ज्वालामुखी के मुख की ओर आ रहा है। मनीला से 65 किलोमीटर दक्षिण स्थित यह देश का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है और आखिरी बार 1977 में इसमें विस्फोट हुआ था।

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ज्वालामुखी के पास करीब एक किलोमीटर ऊंची राख की दीवार दिखाई दे रही है और आसपास झटके महसूस किए जा रहे हैं। स्थानीय आपदा कार्यालय ने बताया कि ज्वालामुखी वाले द्वीप से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। अधिकारियों के मुताबिक स्थिति बिगड़ी तो नजदीकी द्वीप के लोगों को भी हटने का आदेश दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राख मनीला पहुंच चुकी है...इस माहौल में लोगों के लिए सांस लेना खतरनाक है। गौरतलब है कि जनवरी 2018 में माउंट मेयन से निकली लाखों टन राख और लावा की वजह से हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा था। 

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