अफगानिस्तान में हिंसक माहौल के बीच राष्ट्रपति चुनाव के मतदान जारी
चुनाव अभियान के दौरान पिछले दो महीने में कई हमलों को अंजाम दे चुके तालिबान ने कई मतदान केन्द्रों को निशाना बनाने का दावा किया है। गौरतलब है कि देश में चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। तालिबान ने लोगों को मतदान नहीं करने की लगातार चेतावनी दी है।
काबुल। अफगानिस्तान में लोगों ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शनिवार को मतदान में हिस्सा लिया जबकि कट्टरपंथियों ने देश भर में कई जगहों पर मतदान केन्द्रों को लक्ष्य कर विस्फोट किए। देश के कई हिस्सों में हुए इन विस्फोटों में कम से कम एक व्यक्ति की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता अत्ताउल्ला खोगयानी ने बताया कि नंगरहार के पूर्वी प्रांत में जलालाबाद में मतदान केन्द्र के पास हुए विस्फोट में एक व्यक्ति की जान चली गई और अन्य दो घायल हुए हैं। वहीं अस्पताल के निदेशक ने ‘एएफपी’ को बताया कि दक्षिणी शहर कंधार में मतदान केन्द्र में हुए विस्फोट में कम से कम 16 लोग घायल हुए हैं।
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चुनाव अभियान के दौरान पिछले दो महीने में कई हमलों को अंजाम दे चुके तालिबान ने कई मतदान केन्द्रों को निशाना बनाने का दावा किया है। गौरतलब है कि देश में चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। तालिबान ने लोगों को मतदान नहीं करने की लगातार चेतावनी दी है। चुनाव में राष्ट्रपति अशरफ गनी और देश के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला के बीच कड़ा मुकाबला है। गनी ने काबुल में एक स्कूल में मतदान केन्द्र में वोट डालने के बाद कहा कि शांति हमारे लोगों की पहली मांग है। उन्होंने कहा कि इसका ढांचा तैयार है, मैं चाहता हूं कि लोग मुझे अनुमति और वैधता दें ताकि हम शांति की दिशा में काम कर सकें।
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अफगानिस्तान में करीब 96 लाख पंजीकृत मतदाता हैं, लेकिन इनमें से कई लोगों ने 18 साल तक चले युद्ध के बाद किसी भी सरकार के यहां हालात बेहतर कर पाने की उम्मीद खो दी है। वहीं तालिबान ने भी मतदान को लेकर लगातार धमकियां दी हैं। आतंकवादी संगठन ने चुनावी रैलियों और चुनावी दफ्तरों को निशाना बनाने के लिये आत्मघाती हमले किए। इनमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए। इसको देखते हुए अफगान अधिकारियों ने सुरक्षा की तैयारियां की हैं।
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गृह मंत्री मसूद अंदराबी ने कल शुक्रवार को चुनाव में सुरक्षा तैयारियों को रेखांकित करते हुए बताया था कि इसकी रूपरेखा तैयार करने में उन्हें आठ महीने का वक्त लगा। देश भर में 4,942 मतदान केंद्रों में प्रत्येक के बाहर सुरक्षा के तीन विशिष्ट घेरे बनाए गए हैं। पहले दो घेरों में पुलिसकर्मी और खुफिया अधिकारी रहेंगे। तीसरे और सबसे महत्वपूर्ण घेरे में अफगान राष्ट्रीय सेना के जवान तैनात हैं। मतदान स्थानीय समयानुसार दोपहर तीन बजे तक चलेगा। 19 अक्टूबर तक नतीजे आने की संभावना है। जीत के लिए किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल करने होंगे। ऐसा ना होने पर शीर्ष के दो स्थानों पर रहने वाले उम्मीदवारों के बीच नवम्बर में फिर मतदान कराया जाएगा।
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