सीआईए ने खशोगी की हत्या के पीछे सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस का हाथ बताया
अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के पीछे सऊदी अरब के वली अहद मोहम्मद बिन सलमान का हाथ है। द वाशिंगटन पोस्ट ने मामले से जुड़े लोगों के हवाले से शुक्रवार को यह खबर दी।
वाशिंगटन। अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के पीछे सऊदी अरब के वली अहद मोहम्मद बिन सलमान का हाथ है। द वाशिंगटन पोस्ट ने मामले से जुड़े लोगों के हवाले से शुक्रवार को यह खबर दी। अमेरिका का यह आकलन सऊदी अरब के अभियोजक के विपरीत है जिन्होंने एक दिन पहले इस नृशंस हत्या में वली अहद की संलिप्तता को खारिज किया था। अखबार ने कहा कि सीआईए की जांच के अनुसार, सऊदी अरब के 15 एजेंट सरकारी विमान से इस्तांबुल पहुंचे थे और उन्होंने सऊदी अरब के दूतावास में खशोगी की हत्या की। इस बारे में पूछे जाने पर सीआईए ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार खशोगी अपनी तुर्क मंगेतर से शादी करने के वास्ते आवश्यक दस्तावेज हासिल करने के लिए दूतावास गए थे। सऊदी अरब के अभियोजक ने गुरुवार को अपनी नई कहानी सुनाते हुए कहा था कि खशोगी को समझा बुझाकर इस्तांबुल से वापस लाने के लिए 15 सदस्यीय दल गठित किया गया था लेकिन अंतत: पत्रकार की हत्या कर दी गई और उनके शव को टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया। अखबार ने बताया कि सीआईए ने कई खुफिया सूत्रों को खंगाला जिसमें वली अहद के भाई और खशोगी के बीच एक फोन कॉल भी शामिल है। वली अहद के भाई अमेरिका में सऊदी अरब के राजदूत हैं। राजदूत ने दिवंगत पत्रकार से कथित तौर पर यहा कहा कि वह इस्तांबुल में दूतावास जाने पर सुरक्षित रहेंगे और उन्हें जिन दस्तावेजों की जरुरत है वे मिल जाएंगे।
द वाशिंगटन पोस्ट ने एक अधिकारी के हवाले से कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने यह भी कहा कि वली अहद की भूमिका तय करते हुए वह उन्हें सऊदी अरब में ‘अगला शासक’ मानता है। यह तय है कि बिना उनकी जानकारी या संलिप्तता के यह नहीं हुआ।सीआईए की जांच से अमेरिका और उसके मुख्य सहयोगी सऊदी अरब के बीच रिश्तों में और खटास आ सकती है।
इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन खशोगी की हत्या पर पर्दा डालने से बचने की जरुरत पर शुक्रवार को सहमत हुए। तुर्की के राष्ट्रपति सूत्र ने दोनों नेताओं के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद इसकी जानकारी दी।
राष्ट्रपति सूत्र ने कहा, ‘‘एर्दोआन और ट्रंप जमाल खशोगी की हत्या में उसके सभी आयामों पर प्रकाश डालने पर सहमत हुए और मामले पर पर्दा डालने की किसी भी घटना को मंजूरी नहीं दी जाएगी।’’
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