द्वितीय विश्व युद्ध में भारत के योगदान को हमेशा याद रखेगा रूस: राजदूत एलिपोव

Second World War
Google Creative Commons.

एलिपोव ने कहा, ‘‘रूसी नाजी जर्मनी की हार में भारत के योगदान को हमेशा कृतज्ञता के साथ याद रखेंगे। हमें याद है कि 1941 और 1942 में यूएसएसआर (सोवियत संघ) के समर्थन में भारत में ‘फ्रेंडशिप सोसाइटी’ की स्थापना की गई थी।’’ उन्होंने कहा,भारत की बहादुरटुकड़ियां फारस के माध्यम से रेड आर्मी को रसद प्रदान करने में जुटी हुई थीं।

नयी दिल्ली| भारत में रूस के राजदूत डेनिस एलिपोव ने सोमवार को कहा कि रूस द्वितीय विश्व युद्ध में भारत के योगदान को हमेशा कृतज्ञता के साथ याद रखेगा। राजदूत ने ‘विजय दिवस’ के अवसर पर एक संदेश में यह बात कही, जो 1945 में नाजी जर्मनी पर सोवियत की जीत की वर्षगांठ का प्रतीक है।

एलिपोव ने कहा, ‘‘रूसी नाजी जर्मनी की हार में भारत के योगदान को हमेशा कृतज्ञता के साथ याद रखेंगे। हमें याद है कि 1941 और 1942 में यूएसएसआर (सोवियत संघ) के समर्थन में भारत में ‘फ्रेंडशिप सोसाइटी’ की स्थापना की गई थी।’’ उन्होंने कहा, भारत की बहादुर टुकड़ियां फारस के माध्यम से रेड आर्मी को रसद प्रदान करने में जुटी हुई थीं।

1944 में, भारत के दो बेटों को सोवियत संघ के सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार- ‘द ऑर्डर ऑफ द रेड स्टार’ से सम्मानित किया गया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़