हर साल 4 लाख लोग मलेरिया से गंवाते हैं जान, WHO ने दुनिया की पहली वैक्सीन को दी मंजूरी, जानें ये क्यों है खास
जानलेवा मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक जरूरी ऐलान करते हुए बताया कि मलेरिया से बचाव के लिए बनाए गए वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है। डबल्यूएचओ महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम ने कहा कि मलेरिया से लड़ाई के लिए बनाई गई वैक्सीन विज्ञान, बच्चों के स्वास्थ्य और मलेरिया रोकथाम के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है।
मलेरिया कितना जानलेवा है ये हर कोई जानता है। लेकिन क्या आपको पता है कि मेलरिया की अब दुनिया की पहली वैक्सीन आ गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों के लिए पहली मलेरिया वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। साल 2019 से वैक्सीन पर ट्रायल चल रहा था। जिसको देखते हुए अब संगठन ने हर पैमाने पर इसे कामयाब बताया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन 2025 तक दुनिया से मलेरिया को खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। वैक्सीन का इंतजार लंबे समय से हो रहा था।
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WHO महानिदेशक ने बताया बड़ी उपलब्धि
जानलेवा मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक जरूरी ऐलान करते हुए बताया कि मलेरिया से बचाव के लिए बनाए गए वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है। डबल्यूएचओ महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम ने कहा कि मलेरिया से लड़ाई के लिए बनाई गई वैक्सीन विज्ञान, बच्चों के स्वास्थ्य और मलेरिया रोकथाम के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है। मलेरिया से रोकथाम के लिए मौजूद दूसरे उपायों के साथ इसका इस्तेमाल बेहद प्रभावी होगा।
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ये वैक्सीन क्यों है खास
मलेरिया के लिए वैक्सीन आमतौर पर प्रोटीन को टार्गेट करके ही बनाई जाती हैं और इसलिए अभी तक इसमें सफलता नहीं मिल सकी थी। लेकिन Mosquirix यहीं पर कारगर साबित होती है। यह पैरासाइट की स्पोरोजॉइट स्टेज पर ही हमला करता है। वैक्सीन में वही प्रोटीन लगाया गया है जो पैरासाइट में उस स्टेज पर लगा होता है। इम्यून सिस्टम इस प्रोटीन को पहचानता है और शरीर में प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता है। Mosquirix को 1980 के दशक में बेल्जियम में SmithKline-RIT की टीम ने बनाया था जो अब GlaxoSmithKline (GSK) का हिस्सा है।
हर साल चार लाख लोगों की मौत
ये फैसला केनिया, घाना और मलावी में चल रहे पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों पर आधारित है। जिसे साल 2019 में शुरू किया गया था। हालांकि मलेरिया की दवा पहले से मौजूद है लेकिन ये पहली बार है जब वैक्सीन सामने आई है। यानि की मलेरिया की चपेट में आने के बावजूद वैक्सीन लगवाने से खतरा बेहद कम होगा। मच्छर से होने वाली इस बीमारी से हर साल दुनियाभर में चार लाख लोगों की मौत होती है। दुनिया में हर दो मिनट में मलेरिया से एक बच्चे की मौत होती है। यही वजह है कि काफी समय से मलेरिया के वैक्सीन की जरूरत महसूस हो रही थी।
If you want to learn more about the first ever #malaria vaccine and how it will be used, join our @TwitterSpaces chat with @Kate_L_OBrien and @PAlonsoMalaria today!
— World Health Organization (WHO) (@WHO) October 7, 2021
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