पाकिस्तान ने CIA को अपनी जमीन के इस्तेमाल की नहीं दी मंजूरी, इसलिए ठुकराया अमेरिका का प्रस्ताव
अब सवाल उठता है कि आखिरकार तंगहाली की स्थिति में पहुंच चुकी पाकिस्तानी सरकार ने अमेरिका के इस प्रस्ताव को क्यों ठुकरा दिया? दरअसल अफगानिस्तान पाकिस्तान का अच्छा दोस्त है। ऐसे में पाकिस्तान अफगानिस्तान से किसी भी सूरत में अपने रिश्ते खराब नहीं करना चाहता।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अब अमेरिका से पंगा ले लिया है। इमरान खान ने अमेरिका के एक बड़े प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। अब देखना होगा कि पाकिस्तान के इस कदम का अमेरिका किस तरह से जवाब देगा। दरअसल अमेरिका ने पाकिस्तान सरकार से अनुरोध किया था कि वो पाकिस्तान के बलूचिस्तान सूबे में उसे एक सीक्रेट एयरबेस मुहैया करवाएं।
अमेरिका का बलूचिस्तान में एयरबेस मांगने का मकसद अफगानिस्तान में सीक्रेट ड्रोन मिशन को अंजाम देने के लिए था। आपको बता दें कि अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगाई हुई है लेकिन इस मांग के बदले उसने इसे एक बार फिर से शुरु करने का लालच दिया था।
पाकिस्तान ने क्यों ठुकराया अमेरिका का प्रस्ताव?
अब सवाल उठता है कि आखिरकार तंगहाली की स्थिति में पहुंच चुकी पाकिस्तानी सरकार ने अमेरिका के इस प्रस्ताव को क्यों ठुकरा दिया? दरअसल अफगानिस्तान पाकिस्तान का अच्छा दोस्त है। ऐसे में पाकिस्तान अफगानिस्तान से किसी भी सूरत में अपने रिश्ते खराब नहीं करना चाहता।
एक अमेरिकी वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिका ने इसी साल वापसी की है। ऐसे में सीआईए रो पाकिस्तानी धरती से अपने ऑपरेशन को लॉन्च करने की अनुमति बिल्कुल नहीं दी जाएगी। इससे पहले रिपोर्ट्स में कि पाकिस्तान ने अमेरिका को अफगानिस्तान में मिशन संचालित करने की अनुमित का दावा किया गया था जिसके बाद पाकिस्तान में बवाल मच गया था। यही कारण है कि इमरान सरकार ने तुरंत इस फैसले को बदलते हुए अमेरिका को एयरबेस देने से इनकार कर दिया था।
अमेरिकी रक्षा मंत्री और CIA के डायरेक्टर ने किए थे कई दौरे
इमरान सरकार के इस फैसले के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री और खुफिया एजेंसी सीआईए के डायरेक्टर ने इस्लामाबाद के लगातार दौरे किए जिससे कि किसी भी तरह बात बन जाए लेकिन पाकिस्तान फिर भी नहीं माना। ऐसे में अब माना जा रहा है कि अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते खराब हो सकते हैं।
9/11 हमले के बाद अमेरिकी सेना ने तालिबान से बदला लेने के लिए पाकिस्तान के दो हवाई अड्डों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। बता दें कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में सैन्य अभियानों के लिए पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित शम्सी और सिंध के शहबाज एयर बेस का खूब इस्तेमाल किया है।
2011 में खाली करवाए थे एयर बेस
शहबाज एयर बेस से अमेरिकी लड़ाकू विमान जबकि शम्सी एयरबेस से ड्रोन ऑपरेशन को अंजाम दिया जाता था। 2011 में पाकिस्तान द्वारा अमेरिका से इन एयर बेसों को खाली करवाने के बाद अमेरिका अब इनका इस्तेमाल नहीं कर सकता।
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