Russia पर हमला करेगा चीन? ताइवान की चुनौती स्वीकार कर जिनपिंग क्या लेंगे पुतिन से सीधी टक्कर

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ANI
अभिनय आकाश । Sep 5 2024 8:05PM

चीन लगातार भारत के अरुणाचल प्रदेश के गांवों के नाम भी बदलता रहता है। वो अरुणाचल प्रदेश को अपना बताता है। चीन ने कुछ महीने पहले रूस के आठ इलाकों पर भी दावा ठोक दिया था।

क्या चीन के अंदर इतनी हिम्मत है कि वो रूस के इलाकों में पर कब्जा कर सकता है। क्या चीन ताइवान से पहले रूस के इलाकों में घुस सकता है। इन सवालों ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। छोटे से देश ताइवान ने चीन को चुनौती दी है कि हिम्मत है तो पहले रूस के इलाकों पर कब्जा करके दिखाओ। दरअसल, ताइवान के राष्ट्रपति लाइ चिंग ते ने कहा है कि चीन सिर्फ हमें ही आंखें दिखा सकता है। अगर चीन में हिम्मत है तो वो रूस से अपनी जमीन वापस छुड़वा कर दिखाए। लाइ चिंग ते के इस बयान ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। चीन को ऐसा तमाचा पहली बार लगा होगा। चीन का अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ विवाद चल रहा है। 

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चीन लगातार भारत के अरुणाचल प्रदेश के गांवों के नाम भी बदलता रहता है। वो अरुणाचल प्रदेश को अपना बताता है। चीन ने कुछ महीने पहले रूस के आठ इलाकों पर भी दावा ठोक दिया था। अगस्त 2023 के महीने में मंत्रालय ने एक नक्शा जारी किया जिसमें बोल्शॉय उस्सुरीस्की द्वीप के विवादित रूसी क्षेत्र को चीन की सीमाओं के भीतर दिखाया गया। चीन पूरे साउथ चाइना सी को अपना मानता है। ताइवान को तो चीन अलग देश मानता ही नहीं। ऐसे में ताइवान ने एक अनोखा खेल खेला है। 100 साल पहले रूस ने चीन के इलाकों पर हमला कर काफी जमीन कब्जा ली थी। अगर हिम्मत है तो रूस से अपनी वो जमीन वापस छुड़वा कर दिखाओ। 

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रूस के सुदूर पूर्व में चीन और व्लादिवोस्तोक की सीमा से लगा अमूर क्षेत्र शामिल है। इन्हें 19वीं शताब्दी के मध्य में रूस द्वारा चीन से लिया गया था, जब रूसी जनरल निकोलाई मुरावेव-अमर्सकी ने चीन को हराने के लिए रूस की अधिक मारक क्षमता और अधिक आधुनिक सेना का उपयोग किया था। लेकिन क्षेत्र में क्षेत्रों की स्थिति विवादास्पद बनी रही। 1969 में चीन और सोवियत संघ ने सीमा मुद्दों पर सात महीने तक अघोषित युद्ध लड़ा। 1991 के बाद, चीन और रूस ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई दौर की वार्ता और संधियाँ कीं कि उनके बीच की सीमा को दोनों पक्षों द्वारा अनुमोदित किया गया था, आखिरी संधि 2004 में हुई थी। ध्यान दें कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के संस्थापक माओत्से तुंग ने कहा था कि रूस को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्‍होंने कहा था कि यह चीनी क्षेत्रों की चोरी है।

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