वैज्ञानिकों ने किया दुनिया के 10 करोड़ साल पुराने स्पर्म की खोज!

SPERM

‘चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस’ के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने कड़े आवरण वाले छोटे जंतु की एक नई प्रजाति में स्पर्म खोजा है, जिसका नाम उन्होंने ‘म्यांमारसीप्राइस हुई’ रखा है। उन्होंने अनुमान लगाया है कि लगभग 10 करोड़ साल पहले पेड़ की राल में घुसने से ठीक पहले इस जंतु ने सहवास किया होगा।

नयी दिल्ली। वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने म्यामां में पेड़ की राल में लगभग 10 करोड़ साल पहले फंसे एक कड़े आवरण वाले जंतु के अंदर दुनिया के सबसे पुराने स्पर्म की खोज की है। ‘चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस’ के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने कड़े आवरण वाले छोटे जंतु की एक नई प्रजाति में स्पर्म खोजा है, जिसका नाम उन्होंने ‘म्यांमारसीप्राइस हुई’ रखा है। उन्होंने अनुमान लगाया है कि लगभग 10 करोड़ साल पहले पेड़ की राल में घुसने से ठीक पहले इस जंतु ने सहवास किया होगा।

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शोधकर्ताओं ने कहा कि जीवाश्म स्पर्म असाधारण रूप से दुर्लभ हैं, इससे पहले 1.7 करोड़ पुराना स्पर्म मिला था। ‘म्यांमारसीप्राइस हुई’एक ओस्ट्रैकोड है, एक प्रकार का क्रस्टेशियन (कड़े आवरण वाला छोटा जंतु), जो 50 करोड़ वर्ष पूर्व अस्तित्व में थे। यह अध्ययन ‘रॉयल सोसाइटी प्रोसीडिंग्स बी’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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