पाकिस्तान-चीन संबंधों को किसी को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे: बिलावल भुट्टो

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विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘बिलावल ने कराची आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और ‘‘घटना की मुकम्मल जांच करने और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता जताई।उन्होंने पाकिस्तान और चीन की पक्की दोस्ती को नुकसाननहीं पहुंचाने देने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान-चीन का ‘घनिष्ठ-भाईचारा बढ़ता रहेगा।’’

इस्लामाबाद| पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को प्रतिबद्धता जताई कि किसी को भी पाकिस्तान और चीन की दोस्ती को नुकसान नहीं पहुंचाने दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कराची विश्वविद्यालय हमले की मुकम्मल जांच कराने और अपराधियों को सजा दिलाने का वादा भी किया। कराची विश्वविद्यालय हमले में चार लोगों की मौत हो गयी थी, जिनमें तीन चीनी नागरिक भी शामिल थे।

कराची के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में कन्फ्यूशियस संस्थान के बाहर एक वाहन में प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की एक बुर्का पहने महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए विस्फोट में तीन चीनी के प्रोफेसर की मौत हो गई थी।

इस घटना में वाहन का चालक भी मारा गया था। इस आतंकवादी हमले में मारे गये लोगों की याद में विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बिलावल भुट्टो ने कहा कि पूरा पाकिस्तान जान गंवाने वाले चीनी व्यक्तियों के परिजनों और वहां की जनता के साथ दुखी है।

विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘बिलावल ने कराची आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और ‘‘घटना की मुकम्मल जांच करने और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने पाकिस्तान और चीन की पक्की दोस्ती को नुकसान नहीं पहुंचाने देने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान-चीन का ‘घनिष्ठ-भाईचारा बढ़ता रहेगा।’’

इस अवसर पर पाकिस्तान में चीनी दूतावास की प्रभारी पांग चुनक्स्यू ने स्मृति समारोह के आयोजन के लिए पाकिस्तान सरकार का धन्यवाद किया। उन्होंने कायरतापूर्ण हमले के खिलाफ पाकिस्तान की एकजुटता और समर्थन के भाव की सराहना की।

उन्होंने कहा किइस कालातीत दोस्ती को सींचित करने में चीन के लोगों का खून व्यर्थ नहीं जाएगा, और दोनों देशों के बीच सर्वकालिक रणनीतिक सहकारी साझेदारी पर कोई भी हमला सफल नहीं हो जाएगा।

पाकिस्तान के विदेश सचिव सोहेल महमूद ने अपनी टिप्पणी में इस बात पर प्रकाश डाला कि निर्दोष प्राध्यापकों की दुखद मौत ने हर पाकिस्तानी को गहरा सदमा और पीड़ा दी थी, लेकिन इसने आतंकवाद के अभिशाप को हराने के संकल्प प्रभावित नहीं हुआ है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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