सोमवार को शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से नष्ट होते हैं सभी पाप

bel leaf on Shivling

सावन के सोमवार को बेलपत्र चढ़ाते समय यह ध्यान रखें कि बेलपत्र को शिवलिंग पर हमेशा उल्टा चढ़ाएं इससे चिकना भाग भगवान शिव को अर्पित होता है। बेलपत्र कभी भी कटा या फटा नहीं होना चाहिए। कभी भी बेलपत्र का अनादर न करें। हमेशा अधिक दल वाले बेलपत्र अर्पित करें।

सोमवार के दिन भक्त विविध प्रकार की पूजा कर भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। भोले बाबा को बेलपत्र बहुत प्रिय है तो आइए हम आपको शिव पूजा में बेलपत्र के महत्व के बारे में कुछ खास बातें बताते हैं।  

शिव पूजा में बेल का है खास महत्व

बेलपत्र को संस्कृत में बिल्वपत्र भी कहा जाता है। भगवान शिव को बेलपत्र बहुत पसंद है। ऐसी मान्यता है कि शिव शंकर को बेलपत्र और जल अर्पित करने से भगवान शंकर का मस्तिष्क शीतल रहता है तथा वह प्रसन्न रहते हैं। प्रसन्न होकर शिवजी अपने भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं। 

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बेलपत्र तोड़ते समय इन बातों का रखें ख्याल

बेलपत्र बहुत पवित्र होता है, इसलिए इसे तोड़ने के कुछ खास नियम होते हैं।  पंडितों की मान्यता के अनुसार चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या , सं‍क्रांति आदि तिथियों के साथ-साथ सोमवार के दिन बेलपत्र नहीं तोड़नी चाहिए। पूजा करने के लिए बेलपत्र आप एक दिन पहले तोड़ सकते हैं। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि बेलपत्र तोड़ने से पहले बेल के पेड़ को अवश्य प्रणाम करें।  साथ ही बेलपत्र तोड़ने से पहले और बाद में बेल पत्र के पेड़ को प्रणाम  जरूर करना चाहिए। बेलपत्र बहुत पवित्र होता है इसलिए दूसरे के चढ़ाए हुए बेलपत्र को धोकर भी आप चढ़ा सकते हैं। बेल पत्र के केवल पत्तों को तोड़े, कभी भी टहनी सहित न तोड़े।

भोले बाबा को चढ़ाए बेलपत्र 

सावन के सोमवार को बेलपत्र चढ़ाते समय यह ध्यान रखें कि बेलपत्र को शिवलिंग पर हमेशा उल्टा चढ़ाएं इससे चिकना भाग भगवान शिव को अर्पित होता है। बेलपत्र कभी भी कटा या फटा नहीं होना चाहिए। कभी भी बेलपत्र का अनादर न करें। हमेशा अधिक दल वाले बेलपत्र अर्पित करें।  

घर में बेलपत्र लगाने का भी है खास महत्व 

ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि जिन घरों में बेल का वृक्ष लगाया जात है, उन पर शिव की कृपा बरसती है। घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में उसे लगाने से यश और कीर्ति की प्राप्त‍ि होती है। अगर आप घर के उत्तर-दक्षिण कोने पर लगाने हैं तो घर में सुख-शांति बनी रहती है। घर के बीच में बेलपत्र को बीच में लगाने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती है। जो भक्त बेल के पेड़ के मूल भाग की गन्ध, पुष्प इत्यादि से पूजा करते हैं उन्हें मृत्यु के पश्चात शिव लोक की प्राप्ति होती है।

बेलपत्र चढ़ाने से धन की कमी होती है दूर 

बेलपत्र बहुत पवित्र होता है। इसकी पूजा करने से घर की दरिद्रता दूर हो जाती है। रविवार तथा द्वादशी के दिन बेलपत्र की पूजा करने से न केवल घर में धन की कमी दूर होती है बल्कि सुख–शांति भी बनी रहती है। 

बीमारियों का इलाज भी करता है बेलपत्र 

बेलपत्र पवित्र होने के साथ ही अपने औषधिय गुणों के लिए भी जाना जाता है। बेलपत्र के रस को निचोड़ कर आंखों में डालने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। साथ ही बेलपत्र का काढ़ा बनाकर उसमें शहर मिलाकर पिएं, इससे खांसी ठीक हो जाती है। सुबह बेलपत्र का रस पीने से पुराना सिरदर्द भी ठीक हो जाता है।

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छः महीने तक बासी नहीं माना जाता है बेलपत्र

बेलपत्र की एक खासियत यह है कि इसे छः महीने तक बासी नहीं माना जाता है। इसलिए मंदिर में चढ़ाएं हुए बेलपत्र को धोकर आप पुनः चढ़ा सकते हैं। 

प्रज्ञा पाण्डेय

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