निर्जला एकादशी के दिन करें ये सरल उपाय, भगवान विष्णु की कृपा से दूर होंगे सारे कष्ट
इस साल निर्जला एकादशी 10 जून को पड़ रही है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन श्रद्धापूर्वक व्रत-पूजन करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ऐसा भी माना जाता है कि निर्जला एकादशी के दिन व्रत करने से 24 एकादशी के बराबर फल मिलता है।
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-आराधना की जाती है और व्रत किया जाता है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन और व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। एक साल में 24 एकादशी पड़ती हैं, जिसमें से निर्जला एकादशी सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस साल निर्जला एकादशी 10 जून को पड़ रही है। यह व्रत बाकी व्रतों से थोड़ा कठिन होता है क्योंकि इसमें भोजन ग्रहण करना और पानी पीना भी वर्जित होता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन श्रद्धापूर्वक व्रत-पूजन करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ऐसा भी माना जाता है कि निर्जला एकादशी के दिन व्रत करने से 24 एकादशी के बराबर फल मिलता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, निर्जला एकादशी के दिन कुछ सरल उपाय करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं और खुशहाली आती है -
इसे भी पढ़ें: शनिदेव की कृपा के लिए आज ही करें ये सरल उपाय, दूर होंगे सारे कष्ट और हो जाएंगे मालामाल
निर्जला एकादशी के दिन सुबह उठकर अपनी हथेलियों को देखकर इस मंत्र का जाप करें 'कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविंद, प्रभातेकरदर्शनम्।' माना जाता है कि इस मंत्र के जाप के साथ अपने दिन की शुरुआत करने से जीवन में सुख शांति बनी रहती है और सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
निर्जला एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। इसके बाद सूर्य को तांबे के पात्र में जल भरकर अर्घ्य दें। ऐसा करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
इसे भी पढ़ें: मरने के बाद किस बुरे कर्म की मिलती है क्या सजा? जानिए क्या लिखा है गरुण पुराण में
निर्जला एकादशी के दिन सूर्य को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जाप करें 'ओम सूर्याय नमः ओम वासुदेवाय नमः ओम आदित्य नमः।' इस मंत्र का जाप करने से सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं और व्रत का पूर्ण फल मिलता है।
मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी के दिन दान करने का बहुत महत्व है। इस दिन किसी निर्धन या जरूरतमंद को वस्त्र, तिल, धन, फल आदि दान करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन पितरों के नाम भी दान जरूर देना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और उसके जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है।
- प्रिया मिश्रा
अन्य न्यूज़