580 साल बाद 19 नवंबर को सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण

lunar eclipse
अनीष व्यास । Nov 18 2021 11:06AM

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को है। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा भी है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का महत्व है। अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ इलाकों को छोड़कर देख के अन्य हिस्सों में ग्रहण नहीं दिखेगा।

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन सदी का सबसे बाद चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण 19 नवंबर 2021 को लगने जा रहा है। यह चंद्रग्रहण वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लगेगा। खास बात यह है कि यह चंद्र ग्रहण काफी देर तक रहेगा। जहां वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रहण एक खगोलीय घटना है, वहीं धार्मिक दृष्टिकोण में भी इसके अपने प्रभाव हैं। धार्मिक रूप से देखा जाए तो ग्रहण को ज्यादातर अशुभ फल देने वाला माना जाता है और इसी कारणवश ग्रहण के दौरान और सूतक काल लगने पर कई कार्यों को करने की मनाही होती है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर - जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इससे पहले इतना लंबा आंशिक चंद्रग्रहण 18 फरवरी 1440 को लगा था और अगली बार ऐसा ही आंशिक चंद्रग्रहण 08 फरवरी 2669 को दिखाई देगा। 19 नवंबर 2021 को यह आंशिक चंद्रग्रहण का पूरा प्रभाव दोपहर 2.34 बजे दिखाई देगा, जब चंद्रमा का 97 फीसदी हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढक जाएगा। भारत में दिखाई देने वाला अगला चंद्रग्रहण 08 नवंबर 2022 को होगा। साल 2021 का यह आखिरी चंद्रग्रहण भारत में सिर्फ पूर्वोत्तर हिस्सों में कुछ ही देर के लिए दिखाई देगा। सूर्यास्त होते समय ही इस चंद्रग्रहण को अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ क्षेत्रों में देखा जा सकेगा।

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ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को है। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा भी है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का महत्व है। अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ इलाकों को छोड़कर देख के अन्य हिस्सों में ग्रहण नहीं दिखेगा। 19 नवंबर 2021 का ग्रहण वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लगेगा। वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्र है जबकि कृतिका नक्षत्र सूर्य देव का है। इसलिए इस ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव सूर्य ग्रह और शुक्र ग्रह से संबंधित लोगों पर ही पड़ेगा। ग्रहण के दौरान सूर्य देव वृश्चिक राशि में रहेंगे और शुक्र धनु राशि में रहेंगे। 

3 घंटे 28 मिनट लंबा ग्रहण

विख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि खगोल वैज्ञानिकों का मानना है कि 19 नवंबर को लगने वाला यह चंद्रग्रहण 580 वर्षों के बाद सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण होगा।यह आंशिक चंद्रग्रहण 19 नवंबर के दिन दोपहर 12.48 बजे शुरू होगा और शाम 4.17 बजे समाप्त होगा। इस आंशिक चंद्रग्रहण ग्रहण की अवधि 03 घंटे 28 मिनट 24 सेकंड होगी, जो 580 वर्षों में सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण होगा। 19 नवंबर का आंशिक चंद्र ग्रहण पश्चिमी अफ्रिका, पश्चिमी यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। ग्रहण का मोक्ष चंद्रोदय के समय ऑस्ट्रेलिया, इन्डोनेशिया, थाईलैंड, भारत के पूर्वोत्तर भाग, चीन और रूस में दिखाई देगा। 

59 साल बाद गुरु-शनि मकर राशि में और हो रहा है चंद्र ग्रहण

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि अभी गुरु-शनि मकर राशि में स्थित हैं और आंशिक चंद्र ग्रहण हो रहा है। गुरु-शनि मकर राशि में और चंद्र ग्रहण का योग 2021 से 59 साल पहले 19 फरवरी 1962 को हुआ था। 19 नवंबर का ग्रहण वृषभ राशि में हो रहा है, चंद्र इसी राशि में रहेगा।

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भारत में आंशिक चंद्र ग्रहण

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि भारत में 19 नवंबर को आंशिक चंद्र ग्रहण है। आंशिक चंद्र ग्रहण में सूतक नहीं लगता है। सूतक काल में शुभ काम नहीं किए जाते हैं। गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतने को कहा जाता है, लेकिन आंशिक ग्रहण में सूतक काल का असर नहीं रहता है। चंद्र ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा। जिस कारण वृष राशिवालों को सतर्क रहना होगा।

कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण 

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि ये आंशिक चंद्र ग्रहण भारत के असम और अरुणाचल प्रदेश में कुछ समय के लिए दिखाई देगा। सूर्यास्त होते समय ही इस चंद्रग्रहण को देखा जा सकेगा। वहीं अमेरिका, यूरोप के उत्तरी हिस्से, पूर्वी एशिया, प्रशांत महासागर क्षेत्र और ऑस्ट्रेलिया में ये कुछ समय के लिए यह ग्रहण दिखाई देगा।

- अनीष व्यास

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक

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