शनि 93 दिन तक वक्री चाल चलेंगे, कुंभ, वृश्चिक समते ये राशियां रहे सर्तक! भलूकर भी न करें ये काम

shani dev
Prabasakshi

जब शनि उल्टी चाल चलते हैं, इनके गोचर का प्रभाव काफी बढ़ जाता है। ऐसे में शनि के वक्री रहने तक कुंभ समेत 4 राशियों को भूलकर भी ये काम नहीं करने चाहिए। वरना शनिदेव आप से रुष्ट हो जाएंगे और आपको भर-भर के कष्ट देंगे। आइए जानते हैं कौन-सी है ये राशियां।

कर्म फलदाता शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनि को सैर्टन के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, शनि का गोचर चाहे मार्गी हो या वक्री हर एक राशि पर अपना प्रभाव डालता है। बता दें कि, 30 जून, 2024 से शनि देव की वक्री चाल में अपनी स्वराशि कुंभ में गोचर कर रहे हैं। जब भी शनि उल्टी चाल में संचरअ करते हैं, तो इसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है। ज्योतिष के अनुसार, शनि वक्री के दौरान शक्तिशाली माने जाते हैं। शनिदेव के कुंभ गोचर से कर्क राशि और वृश्चिक राशि पर पर ढैय्या का प्रभाव है तो मकर, कुंभ और मीन राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा।  ऐसे में 93 दिन तक शनि वक्री के दौरान कुछ कार्यों को न करें। 

ये राशियां रहे संभलकर 

शनि देव की साढ़ेसाती मीन, मकर और कुंभ राशि पर चल रही है। वहीं, वृश्चिक और कर्क राशि पर ढैय्या का प्रभाव है। ऐसे में शनि के गोचर से खर्च काफी बढ़ सकता है। घर-परिवार में माहौल खराब हो सकता है। इस दौरान भूलकर भी कान की शुरुआत न करें। जीवन में परेशानियां लगी रहेगी। शनि देव का बुरा प्रभाव खत्म करने के लिए शनिवार के दिन शमी के पेड़ की पूजा करें। सरसों का तेल और काले तिल का दान करें। शनिवार को शनि चलीसा का पाठ करें। सोमवार को शिवजी की आराधना करें। गरीबों को भोजन कराएं।

शनि वक्री के दौरान न करें ये काम

- नौकर-चाकरों के साथ गलत व्यवहार न करें।

- बूढ़े-बुजुर्गों या असहाय लोगों का अपमान न करें, अपशब्द न कहें।

- मास-मदिरा जैसे तामसिक भोजन से दूरी बना लें।

- लालच, छल-कपट जैसे बुरे कामों से दूर रहें।

- नए काम की शुरुआत न करें।

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