इस दिवाली बन रहा अद्भुत शिववास योग, जानें कब और कैसे करें पूजा, मिलेगा धन-समृद्धि का वरदान

Shivavas Yoga
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दीपावली 2025 इस बार 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी, जिसमें शिववास योग और भद्रवास योग का विशेष संयोग बन रहा है। शिववास योग में शिव-शक्ति की पूजा अत्यंत कल्याणकारी है, जबकि भद्रवास योग सुबह 08:44 बजे तक रहेगा और इस दौरान शुभ कार्य वर्जित हैं। लक्ष्मी-गणेश पूजन के साथ-साथ इस दिन पितरों का श्राद्ध भी महत्वपूर्ण है।

दीपावली का त्योहार इस साल 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जा रहा है। सोमवार को भगवान शिवजी का पूजा का दिन है। इसलिए इस वार दिवाली पर शिववास योग बन रहा है। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतिनिधित्व करता है। दिवाली पांच दिनों तक चलती है, जिसमें धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज शामिल हैं। इस दिन लोग अपने घरों को दीयों और रोशनी से सजाते हैं, लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं। इस बार दिवाली पर भद्रवास योग और शिववास योग का संयोग बन रहा है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करना कल्याणकारी होगा। इसके अलावा, इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करना उचित समय रहेगा। बता दें कि, भद्रवास योग सुबह 08 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। इस दौरान शुभ काम नहीं करें और पितरों की पूजा भी न करें। वहीं, शिववास योग सुबह 06 बजकर 48 मिनट से होगा। इस योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से साधकों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

पुराणों में क्या बताया है?

स्कंदपुराण में लिखा है कि दिवाली वाले दिन सबसे पहले पितरों का श्राद्ध किया जाता है। इसके बाद कार्य किए जाते हैं। स्कंदपुराण में लिखा है कि सुबह जल्दी उठकर स्नान करके देवताओं और पितरों की पूजा करना शुभ होता है। इसके बाद दही, दूध, और घी आदि से पार्वण श्राद्ध करें। बता दें कि, पार्वण श्राद्ध पितरों के सम्मान और शांति के लिए किया जाता है। क्योंकि यह अमावस्या के दिन किया जाता है। इसके अलावा, प्रदोष के समय में माता लक्ष्मी और गणेश पूजन करना चाहिए।

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के दिन शुभ चौघड़िया मुहूर्त

- अमृत- सर्वोत्तम- सुबह 6 बजकर 25 मिनट से 7 बजकर 50 मिनट तक

- शुभ- उत्तम- सुबह 9 बजकर 15 मिनट से 10 बजकर 40 मिनट तक

- लाभ - उन्नति - दोपहर 2 बजकर 56 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 21 मिनट तक

- अपराह्न मुहूर्त- दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से शाम 5 बजकर 46 मिनट तक

- सायान्ह मुहूर्त- शाम 5 बजकर 46 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 21 मिनट तक

- अमृत - सर्वोत्तम - शाम 4 बजकर 21 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 46 मिनट तक

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